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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मैं ऐसी चीजोंका कोई स्पष्टीकरण नहीं देता। मैंने देखा है कि इस सिद्धान्तका पालन करनेसे बहुत सारा समय बच जाता है और मैं बेकार की परेशानियोंसे भी बच जाता हूँ।

"लेकिन जब सभी लोग पदोंको स्वीकार कर लेंगे तब हमें क्या करना चाहिए और आगामी चुनावोंमें हमें क्या करना चाहिए?" मेरा उत्तर था:

जब सभी दल पद स्वीकार करना तय कर लेते हैं तब मेरा खयाल है, जिन लोगोंकी अन्तरात्मा इस बातको स्वीकार न करे, वे मतदानमें बिलकुल शामिल ही न हों। जिनको कोई आत्मिक आपत्ति हो, वे आगामी चुनावोंमें भी कोई हिस्सा न लें। दूसरे लोग स्वभावतः कांग्रेसके नेतृत्वका अनुसरण करेंगे और कांग्रेसकी सलाहके अनुसार अपने मत देंगे। इन पृष्ठोंमें मैं कांग्रेसीकी स्पष्ट परिभाषा पहले ही दे चुका हूँ। अपनेको कांग्रेसी कहनेवाला हर आदमी कांग्रेसी नहीं है। कांग्रेसी वही है, जो कांग्रेसकी इच्छाका पालन करे।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २७-५-१९२६

५८२. कताई एक कला है

मद्रासके शिक्षा विभागकी एक निरीक्षिकाने ब्राह्मण लड़कियोंके चरखा चलानेके विरुद्ध आदेश निकाला है। इस महिलाके इस निर्णयके कारण उसकी बहुत आलोचना हो रही है। आलोचकोंकी दलील है कि यदि चरखा अब्राह्मण बालिकाओंके लिए उपयोगी है तो ब्राह्मण बालिकाओंके लिए क्यों नहीं है? आज जबकि जातीयश्रेष्ठताके हकोंको समाप्त करनेका प्रयत्न किया जा रहा है, यह प्रश्न उचित ही है। इसके अलावा, स्पष्ट है कि निरीक्षिका यह नहीं जानती कि आज भी सबसे अच्छा सूत ब्राह्मण बालिकाएँ ही कातती हैं और बहुत-से ब्राह्मण कुटुम्बोंमें जनेऊके लिए सूत कातनेका रिवाज आज भी मोजूद है।

लेकिन, निरीक्षिकाकी आलोचनापरसे एक दूसरा प्रश्न भी उठता है। क्या कताई एक कला है? क्या यह ऐसा शुष्क और एकरस काम नहीं है जिसमें बच्चोंके ऊब जानेकी सम्भावना रहती है? अबतक जितने भी प्रमाण मिले हैं, यही साबित करते हैं कि कताई एक बड़ी सुन्दर कला है और कातना बहुत आनन्ददायक है। अलग- अलग अंकोंके सूत कातनेके लिए पूनियोंको यन्त्रवत् खींचनेसे तो काम नहीं चलता है और जो लोग कलाके तौरपर कताई करते हैं, वे यह जानते हैं कि आँखों और अँगुलियोंके अचूक इशारेसे मनचाहे अंकका सूत कातनेमें कैसा आनन्द मिलता है। वहीं कला कला है, जिसमें मनको शान्ति देनेकी शक्ति हो। एक साल पहले मैंने सर प्रभाशंकर पट्टणीका साक्ष्य प्रकाशित किया था और यह दिखाया था कि दिनभरके कठिन कामके बाद वे किस तरह चरखा चलाकर अपने स्नायुओंको आराम पहुँचाते