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पत्र: पी॰ एन॰ राजमणिकम् चेट्टियारको

आप सबको प्यार और बेबीको चुम्बन।

पता नहीं वह लड़का है या लड़की।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत आर॰ बी॰ ग्रेग


मार्फत श्रीयुत एस॰ ई॰ स्टोक्स


कोटागढ़, शिमला हिल्स

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५६१) की फोटो-नकलसे।

५६१. पत्र: पी॰ एन॰ राजमणिकम् चेट्टियारको

साबरमती
२३ मई, १९२६

प्रिय मित्र,

आपका पत्र और खादीका पार्सल मिला। धन्यवाद। अगर आप इस काममें काफी लम्बे अर्से तक लगे रहेंगे तो देखेंगे कि आपको जितनी भी मददकी जरूरत है, सब मिल रही है। आपका सूत जितना हो सकता था, उतना एकसार नहीं है और न उतना मजबूत ही। आपको और अच्छा कातनेकी कोशिश करनी चाहिए।

आपकी बुनाई भी काफी घनी नहीं है, लेकिन यह सब तो सिर्फ अभ्यासकी बात है और अभ्याससे आप इन कलाओंमें प्रवीण हो जायेंगे।

हृदयसे आपका,

श्रीयुत पी॰ एन॰ राजमणिकम् चेट्टियार


भारत खद्दर प्रचार शाला


तियागादुरगन

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५६२) की माइक्रोफिल्मसे।