पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 30.pdf/५४०

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५०४
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

  करेंगे, इसकी मुझे कोई फिक्र नहीं है, लेकिन अगर उन्हें मेरे दर्जेसे नीचेके दर्जेमें यात्रा करनी हो तो जहाजके मालिकोंके साथ ऐसा प्रबन्ध कर लेना चाहिए जिससे मुझे जब कभी उनकी सहायताकी जरूरत हो, उन्हें आसानीसे सूचित कर सकूँ। कहनेकी जरूरत नहीं कि दोनों शाकाहारी हैं।

मेरा खयाल है, अपने पहले पत्रमें[१] मैंने जो कहा था कि पासपोर्ट तथा अन्य बातोंकी व्यवस्था निमन्त्रण भेजनेवालोंको करनी होगी, वह आपको याद होगा।

अब मैं पत्रको वही बात कहकर समाप्त करता हूँ, जिस बातसे इसे शुरू किया था; मतलब यह कि सारी बातोंको ध्यानमें रखते हुए मुझे फिनलैंड ले जानेका विचार मनसे निकाल देना ही आपके लिए बेहतर होगा।

मो॰ क॰ गांधी

अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ११३४६) की फोटो-नकलसे।

५५५. तार: के॰ टी॰ पॉलको

२३ मई, १९२६

आपका तार मिला। शनिवारको मैंने विस्तारसे पत्र लिखा है। आपके पत्रमें उल्लिखित आर्थिक तथा अन्य कठिनाइयोंको ध्यानमें रखते हुए मेरा सुझाव है कि निमन्त्रण रद कर दिया जाये।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ११३४७) की फोटो-नकलसे।

५५६. सन्देश: अब्राह्मणोंको

साबरमती
२३ मई, १९२६

यदि अब्राह्मण लोग वर्तमान सरकारकी सहायतासे राजनैतिक क्षेत्रमें अपने उत्कर्षकी बात सोचनेके बजाय देशकी अत्यन्त निर्धन जनताके बारेमें और इसलिए चरखा तथा खादीके बारेमें सोचें तो वे अपनी और उसी हदतक समूचे देशकी हालत बेहतर बना सकेंगे।

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५६९ ) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. देखिए "पत्र: के॰ टी॰ पॉलको", १३-४-१९२६।