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स्वतन्त्र मजदूर दल और भारत

कुटुम्बियोंने जो "अमानुषिक कार्य" किये, उन्हें मैं भूल नहीं सकता लेकिन मेरे मनमें उनके प्रति घृणा तो तनिक भी नहीं है। इसके विपरीत उनके "अमानुषिक कार्यों" के बावजूद मैं उन्हें प्यार करता हूँ। लेकिन, बुरा काम करनेवाले मित्र या कुटुम्बीका समर्थन करना मेरे लिए गलत होगा। इसी प्रकार किसी राष्ट्रके लिए यह गलत होगा कि वह अपने किसी ऐसे सेवकका समर्थन करे जो जनरल डायर-जैसे अमानुषिक कार्य करनेका दोषी हो। घृणा न होनेका मतलब दोषीके दोषपर परदा डालना नहीं होता और न होना चाहिए। आपने बिना किसी तथ्य या प्रमाणके वह निष्कर्ष निकाल लिया है कि जलियाँवालाके जघन्य अपराधकी मैंने जो तीव्र भर्त्सना की है उसमें समस्त अंग्रेज जातिकी भर्त्सना शामिल है। मैं तो आपसे कहूँगा कि अगर आप 'यंग इंडिया' की फाइल उलटकर देखें तो आपको पता चल जायेगा कि आपने मुझपर जो आरोप लगाया है, मेरा आचरण उससे बिलकुल उलटा रहा है।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १३-५-१९२६

५३०. स्वतन्त्र मजदूर दल और भारत

स्वतन्त्र मजदूर दल (इंडिपेन्डेन्ट लेबर पार्टी) की भारतीय सलाहकार समिति (इंडियन एडवाइजरी कमेटी) ने भारतकी अवस्थाके सम्बन्धमें जो रिपोर्ट दी है, वह बहुत परिश्रमपूर्वक और अच्छे ढंगसे लिखी गई है। रिपोर्ट ब्रिटिश प्रशासनपर बड़ी सख्त टीका है। उसमें अन्य बातोंके अलावा तथाकथित सुधारों, सिविल सर्विस, साम्प्रदायिक पक्षपात, न्यायपालिका और तथाकथित भारतीय नौ-सेनाके सम्बन्धमें विचार व्यक्त किये गये हैं:[१]

शिक्षाके विषयमें जो बातें कही गई हैं, वे उद्धृत करने योग्य हैं:[२]

भारतकी सामान्य गरीबीके सम्बन्धमें रिपोर्टमें लिखा है:[३]

जिस विभागमें खेतीकी स्थितिका वर्णन किया गया है, उसमें से नीचे लिखा अंश मैं उद्धृत कर रहा हूँ:[४]

जिस विभागमें औद्योगिक परिस्थितिके विषयमें लिखा गया है, उसमें भी कुछ बड़े दिलचस्प अनुच्छेद हैं परन्तु बाकीकी दिलचस्प बातोंको जाननेके लिए मैं पाठकोंसे उस रिपोर्टको ही पढ़ जानेके लिए कहूँगा। वह स्वतन्त्र मजदूर दलके द्वारा प्रकाशित की गई है। उसका मूल्य ६ पैंस है, और वह १४, ग्रेट जॉर्ज स्ट्रीट, लन्दन, एस॰ डब्ल्यू॰ के पतेपर लिखकर मँगाई जा सकती है।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १३-५-२९२६
  1. यहाँ नहीं दिया जा रहा है।
  2. यहाँ नहीं दिया जा रहा है।
  3. यहाँ नहीं दिया जा रहा है।
  4. यहाँ नहीं दिया जा रहा है।