पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 30.pdf/४८७

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४५१
पत्र: मौलाना अबुल कलाम आजादको

मोचियोंके लिए झोंपड़ियाँ बनानेके सम्बन्धमें मैं आपको प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीके अध्यक्षसे सम्पर्क स्थापित करनेकी सलाह दूँगा।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५४०) की माइक्रोफिल्मसे।

४९६. पत्र: मौलाना अबुल कलाम आजादको

साबरमती आश्रम
८ मई, १९२६

प्रिय मौलाना साहब,

आपका तार मिला। यह तार मुझे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीका अधिवेशन समाप्त होनेके बाद मिला। लेकिन क्या आप यह समझते हैं कि कांग्रेसका विशेष अधिवेशन बुलानेसे कोई प्रयोजन सिद्ध होगा। अधिवेशन उसी समय बुलानेसे लाभ हो सकता है जब हमारे पास ऐसी कोई नीति अथवा कार्यक्रम हो, जिसपर उसकी स्वीकृति लेनी हो। लेकिन दुर्भाग्यवश इस समय न तो हमारी कोई नीति है और न ही कार्यक्रम। इसके विपरीत हमारे शीर्षस्थ नेता भी एक-दूसरेपर अविश्वास करते हैं तथा जहाँ अविश्वास नहीं भी है वहाँ तथ्यों और विचारोंको लेकर मतभेद है।

ऐसी स्थितिमें कांग्रेस अधिवेशनसे, मौजूदा अवसादकी स्थितिमें केवल वृद्धि ही हो सकती है। ऐसा लगता है कि इस कठिनाईको, जिसका कोई हल हमें नहीं सूझ रहा है, समय ही हल करेगा।

कितना अच्छा होता कि हम कमसे-कम प्रत्येक दंगेके कारणोंका पता लगाने और उसके परिणामोंका निरूपण करनेका मार्ग निकाल सकते। परन्तु ऐसा लगता है कि इस साधारण-से कामको करनेकी क्षमता भी हममें नहीं रह गई है।

हृदयसे आपका,

मौलाना अबुल कलाम आजाद
कलकत्ता

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९५४१) की फोटो-नकलसे।