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टिप्पणियाँ

  वर्तमान सरकारसे तो ऐसा कुछ करनेकी आशा करना पागलपन ही है। उससे ऐसी कोई आशा करना तो वैसा ही होगा जैसे शराबखाना चलानेवाले किसी व्यक्तिसे यह आशा की जाये कि शराबखानेमें आनेवाले लोगोंको वह इस मौतके जालमें न फँसनेके लिए आगाह करे। क्या वास्तवमें भारतके सभी शराबखाने सरकार ही नहीं चलाती? शराबकी बिक्रीसे प्राप्त होनेवाले २५ करोड़के राजस्वसे ही तो हम अपने बच्चोंको विश्व-विद्यालयकी शिक्षा देते हैं। इसी शिक्षाके बलपर सरकार हमें अंग्रेजी हुकूमतकी सुख-समृद्धिकी छलनाका शिकार बनाती है। जबतक लोगोंको अपने कर्त्तव्यका बोध नहीं होता और वे सरकारकी मद्य-समर्थक नीतिका विरोध नहीं करते तबतक भारत शराबके अभिशापसे सर्वथा मुक्त नहीं हो सकता।

अमेरिकामें मद्य निषेध

अमेरिकामें मद्य-निषेध आन्दोलन विफल हो जानेके बारेमें इतना कुछ सुननेको मिलता रहता है कि उससे विपरीत निष्कर्ष देनेवाली कोई बात सुनकर मनको बड़ा सुख मिलता है। एक पत्र-लेखकने कुछ कतरनें भेजी हैं। उनसे ज्ञात होता है कि मिडिल-वेस्ट स्टुडेंट्स कान्फ्रेंसमें आये अमेरिकाके दक्षिण-पूर्व हिस्से और मध्य-पश्चिम हिस्सेके एक लाख तेईस हजार विद्यार्थियोंके प्रतिनिधियोंने विद्यार्थियों द्वारा मद्यपान किये जानेके विरुद्ध प्रस्ताव पास किये।

लोकोमोटिव इंजीनियरोंकी पत्रिकाके फरवरी महीनेके अंकमें निम्न प्रकार कहा गया है:[१]

यहाँ मेरा उद्देश्य पाठकोंको यह विश्वास दिलाना नहीं है कि अमेरिकामें मद्य-निषेध सम्बन्धी प्रयत्न पूरी तरह सफल रहे हैं। इस जबरदस्त प्रयोगके सम्बन्धमें मैंने ऐसा काफी साहित्य पढ़ा है, जिससे मालूम होता है कि चित्रका दूसरा पहलू भी है। लेकिन, दोनों पक्षोंकी अतिशयोक्तियोंके लिए पूरी गुंजाइश रखते हुए भी, इसमें कोई सन्देह नहीं है कि उस अद्भुत जातिके लिए मद्य-निषेध एक बहुत बड़ा वरदान साबित हुआ है। अभी वह समय नहीं आया है जब परिणामों के बारेमें निश्चयपूर्वक कुछ कहा जा सके। भारतमें इस समस्याका समाधान बहुत सरल है। आवश्यकता सिर्फ शराबकी सभी दुकानों और भट्टियोंको बन्द करवानेकी है।

आन्ध्रके स्कूलोंमें चरखा

नीचे पश्चिम गोदावरी जिला-स्थित भुमवरम् ताल्लुका बोर्ड द्वारा तैयार की गई रिपोर्टका एक अंश[२] दिया जा रहा है:

  1. यह यहाँ नहीं दिया जा रहा है। इसमें कहा गया था कि रेलवे कर्मचारी तथा अमेरिकाके मजदूर संघके लाखों मेहनती मजदूर खुद शराब नहीं पीते और शराब पीनेके खिलाफ हैं, क्योंकि यह मनुष्यको हर तरहसे गिराती है। मजदूर आन्दोलनकी सफलताके लिए शराब आदिसे परहेज रखनेवाले नेताओंकी आवश्यकता बताई गई थी।
  2. यहाँ नहीं दिया जा रहा है।