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पत्र: मोतीलाल रायको

(६) प्रवर्तक संघ द्वारा उपरोक्त किसी भी शर्तका उल्लंघन करनेपर अखिल भारतीय चरखा संघको यह करार देनेकी छूट होगी कि ऋणकी राशिका भुगतान माँगपर तुरन्त करना होगा। उक्त शर्तोंका उल्लंघन हुआ है या नहीं, इसके निर्णयका एक-मात्र अधिकार चरखा संघको होगा।

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १११७४) की माइक्रोफिल्मसे।

४७१. पत्र: मोतीलाल रायको

साबरमती आश्रम
१ मई, १९२६

प्रिय मोतीबाबू,

आपका पत्र मिला। उत्तर देनेमें कुछ देरी हुई। कारण यह था कि श्री बैंकर साबरमतीमें नहीं हैं।

आपके हस्ताक्षरके लिए एक दस्तावेज[१] भेज रहा हूँ। दस्तावेजपर आपको दो गवाहोंके सामने हस्ताक्षर करने चाहिए तथा चन्द्रनगरके एक मजिस्ट्रेटको भी इसका गवाह होना चाहिए। यदि आप दस्तावेजपर समुचित कार्रवाई करके श्रीयुत सतीशचन्द्र दासगुप्तको भेज देंगे तो उनको हिदायत है कि वे यह दस्तावेज लेकर आपको ६,००० रुपये दे देंगे। जिस डाकसे यह पत्र जायेगा उसी डाकसे खजांची को उन्हें रुपये भेजनेकी हिदायत दी जा रही है।

मुझे आपको यह बतानेकी आवश्यकता नहीं कि साथमें भेजे जा रहे दस्तावेजमें जो शर्तें रखी गई हैं, चरखा संघके सभी दस्तावेजोंमें रखी जाती हैं। बल्कि जिन अन्य संस्थाओंको ऋण दिये गये हैं, उनसे कुछ निश्चित जमानत भी ली गई है। आपके मामलेमें यह अन्तिम शर्त हटा ली गई है, क्योंकि आपकी संस्था बहुत बड़ी है और ऋणकी राशि अपेक्षाकृत छोटी है।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १११७३) की माइक्रोफिल्मसे।

  1. देखिए पिछला शीर्षक।