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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

  वे स्वयं उद्यम करेंगे तो भारत सरकार, जनमत, बल्कि संघ सरकार और दक्षिण आफ्रिकावासी गोरे भी उनकी सहायता करेंगे। अतः उनका कर्त्तव्य है कि वे स्वच्छता-सफाई, स्वास्थ्य अथवा आर्थिक जीवनके सम्बन्धमें अपने खिलाफ छोटीसे-छोटी शिकायतकी भी गुंजाइश न रहने दें। जो बातें अनैतिक नहीं हों, उन तमाम बातोंमें वे "जैसा देश वैसा वेश" वाली कहावत चरितार्थ करके दिखायें। वे एक हों और सदा एक होकर रहें और सबसे बड़ी बात तो यह है कि वे सबके हित-साधनके लिए कष्ट सहन करनेके संकल्प और दृढ़ताका परिचय दें।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २९-४-१९२६

४५०. मार्चके आँकड़े

विभिन्न प्रान्तोंसे मार्च महीने के खादीके उत्पादन और बिक्रीके जो आँकड़े प्राप्त हुए हैं वे नीचे दिये जा रहे हैं:[१]

कर्नाटकके आंकड़े अपूर्ण हैं। फरवरीकी तुलनामें स्थितिमें कोई विशेष अन्तर नहीं हुआ है, सिवा इसके कि दक्षिण महाराष्ट्र, बम्बई और उत्कलकी बिक्रीके आँकड़ोंमें फरवरीके मुकाबिले वृद्धि हुई है। दक्षिण महाराष्ट्रमें जो अपेक्षाकृत अधिक बिक्री दिखाई गई है, उसका कारण यह है कि उसके आँकड़ोंमें उन खादी प्रदर्शनियोंमें हुई बिक्रीके आँकड़े भी शामिल हैं जिनका आयोजन श्री पटवर्धन कर रहे हैं।

जिन प्रान्तोंके गत वर्षके मार्च महीनेके और इस वर्षके भी मार्च महीनेके आँकड़े उपलब्ध हैं, उन प्रान्तोंके इन दोनों आँकड़ोंकी तुलना करनेपर प्रकट होता है कि इस बार आम तौरपर उत्पादन और बिक्री दोनोंमें वृद्धि हुई है। तुलनात्मक आँकड़े नीचे दिये जा रहे हैं।[२]

तमिलनाडके १९२५ के मार्चके बिक्रीके आँकड़े अपवादरूप हैं, क्योंकि उस समय वहाँ श्री भरूचाने खादीकी फेरी की थी।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २९-४-१९२६
  1. ये यहाँ नहीं दिये जा रहे हैं।
  2. ये यहाँ नहीं दिये जा रहे हैं।