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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जो किशोरोंवाली ताजगी और उमंगके साथ लिख सकता हो तो शायद मैं सफल हो जाऊँ।

समस्त शुभकामनाओं सहित,

हृदयसे तुम्हारा,

श्री फेड कैम्बेल


७७०१, मेन स्ट्रीट
कन्सास सिटी, एम ओ॰


यू॰ एस॰ ए॰

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १२४४४) की फोटो-नकलसे।

४०६. पत्र: रोमाँ रोलाँको

साबरमती आश्रम
२३ अप्रैल, १९२६

प्रिय मित्र,

यह पत्र मैं आपसे अपने एक सबसे प्रिय सहकर्मी और मित्र पण्डित जवाहरलाल नेहरूका परिचय करानेके लिए लिख रहा हूँ। वे अपनी पत्नीके साथ वहाँ गये हैं। उनकी पत्नी क्षयरोगसे पीड़ित हैं। स्वाभाविक है कि मेरे मित्र आपके दर्शन करना और आपके साथ परिचय करना चाहेंगे। मैं जानता हूँ कि आप उनको और उनकी पत्नीको मित्र बना लेंगे।

मीराबाई——कुमारी स्लेडको हम यहाँ इसी नामसे पुकारते हैं——बहुत ठीक चल रही हैं और प्रसन्न हैं। हम लोग आपको अकसर याद किया करते हैं और आपके बारेमें तथा इस वर्षके अन्तमें आपके भारत आनेकी सम्भावनाके विषयमें चर्चा किया करते हैं। पता नहीं आपका स्वास्थ्य ऐसा है या नहीं कि आप इस यात्राकी परेशानियोंको बरदाश्त कर सकें।

हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी

श्री रोमाँ रोलाँ


विला ओलगा
विलेन्ग्युव
(वैंड)


स्विट्जरलैंड

अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ १२४६७) की फोटो-नकलसे।