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विविध प्रश्न [—२]

  पालन करना दूसरी बात है। आज तो मेरे मित्र कहते हैं कि मेरे शरीरपर मेरा कोई अधिकार नहीं है, वह तो देशका है और उसके हितकी बात सोचनेका अन्य लोगोंको उतना ही अधिकार है जितना कि मुझे स्वयं। वे अपनी आकर्षक दलीलसे मुझे यह समझाना चाहते हैं कि जहाँतक शरीरकी रक्षाका प्रश्न है मैं उसका न्यासी-भर हूँ और उस दृष्टिसे उसे दुलरानेका मुझे अधिकार है। इसलिए बर्मी मित्र-जैसे अन्य मित्रोंको मेरे आदर्श और आचारमें विरोध दिखाई देता है। अतः उनसे कहना कि वे जबतक मेरी तरह महात्मा न बनें तबतक दवाको न छूने तथा डाक्टरको न बुलानेके अपने निश्चयपर दृढ़तासे जमे रहें और यदि वे इस सीधे-सहज किन्तु दुर्गम मार्गपर डटे रहें तो इससे उनका कल्याण होगा। उनसे निजी तौरपर यह भी कह देना कि मैंने अपने मित्रोंके आग्रहको मानकर भी पाँच दिनमें सिर्फ ३० ग्रेन कुनैन खाई थी और पाँच सप्ताहमें पाँच इंजेक्शन लिये थे।

कुरती पसन्द है तो साड़ी क्यों नहीं?[१]

आपका पत्र मिला। आपको खादीकी कुरती पसन्द है तो क्या अब साड़ी भी पसन्द न करेंगी? स्वदेशी लोगोंको विदेशी कपड़ोंका शौक कैसे हो सकता है? यदि हमें अपना देश प्यारा है तो हमें अपने देशकी चीजोंका ही शौक होना चाहिए। हिन्दुस्तानके गरीबोंके हाथके कते और बुने कपड़ोंसे जिन्हें अरुचि है, ऐसे लोग क्या भारत-सन्तान कहला सकते हैं?

खादी भवन कहाँ बनना चाहिए?

जिला समितिके एक मंत्री लिखते हैं[२]:

आपका पत्र और अपील मिली। आप कहते हैं कि आपके जिलेमें कुछ काम ही नहीं होता। कार्यकर्तागण सिर्फ अपनेको ही खुदमुख्तार मानते हैं और नादानी करते रहते हैं। ऐसी स्थितिमें भवन बनवानेसे क्या लाभ? इसमें मैं अपनी सहमति कैसे दे सकता हूँ? क्या भवन बनवानेसे नादानी करना दूर हो जायेगा? क्या उससे सेवा-भाव बढ़ेगा? भवन तो वहीं बनना चाहिए जहाँ सेवकोंकी संख्यामें वृद्धि होती हो, सभी नियमों का पालन होता हो, लोगोंका सभी सेवकोंपर विश्वास हो, सभीका एक-दूसरेके प्रति विश्वास हो और सब संगठित होकर रहते हों। मैं तो आपको साफ-साफ यही सलाह दूँगा कि जबतक ठीक ढंगसे काम करनेवाले सेवक एकत्र न हों तबतक भवन बनवानेका विचारतक न करें।

  1. एक युवतीने गांधीजीको लिखा था कि खादीको कुरती तो उसे पसन्द है, लेकिन साड़ी नहीं।
  2. पत्रका अनुवाद यहाँ नहीं दिया गया है। एक जिला समितिके मन्त्रीने खादीकी धीमी प्रगतिको शिकायत करते हुए गांधीजीसे अनुरोध किया था कि वे जिला कार्यालयका स्थायी भवन बनानेके लिए खादी बोर्डसे ५०००) देने को कहें