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टिप्पणियाँ

पसीना न होना चाहिए, आसपास कहीं गर्द न होनी चाहिए; तुम्हें सूत कातनके बाद बहुत सफाईसे सूत अटेरनपर चढ़ाना चाहिए, उसे फूँकसे साफ करना चाहिए और आखिर उसकी सुन्दर लच्छियाँ बनानी चाहिए।

(४) तुम्हें इससे यंत्र सुधारनेका सामान्य ज्ञान प्राप्त होगा। भारतमें बालकोंको सामान्यतः यह ज्ञान नहीं दिया जाता। यदि तुम आलसी बनकर, तुम्हारे यहाँ नौकर हो तो उससे अथवा अपने बड़ोंसे चरखा साफ कराओगे तो तुम्हें वह ज्ञान प्राप्त न होगा। परन्तु जो बालक सूत भेज रहे हैं अथवा सूत भेजेंगे उनका चरखेपर प्रेम है, मैंने यह मान लिया है। और जो बड़े प्रेमके साथ सूत कातता है वह अपने यंत्रके प्रत्येक भागपर पूरा अधिकार प्राप्त कर लेता है। बढ़ई अपने औजार स्वयं ही साफ करता है। जो सूत कातनेवाला अपना चरखा दुरस्त नहीं कर सकता, उसकी माल नहीं बना सकता और उसका तकुआ ठीक नहीं कर सकता वह सूत कातनेवाला ही नहीं कहा जा सकता, अथवा यही कहा जा सकता है कि वह सूत नहीं कातता, बेगार करता हैं।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, १८-४-१९२६

३७७. टिप्पणियाँ

भीलोंमें प्राणप्रतिष्ठा

रामनवमीके दिन भाई अमृतलाल फिर भीलोंका मेला करनेवाले हैं। उस समय राममन्दिरका द्वारोद्घाटन होगा अर्थात् उस दिन रामकी मूर्तिकी प्राणप्रतिष्ठा की जायेगी। इसे हम भीलोंकी प्राणप्रतिष्ठा क्यों न कहें? भाई अमृतलालने हमें भीलोंके प्रति अपने कर्तव्यका भान कराया है। हम भीलोंको शायद ही मनुष्य मानते हैं। सरकार भी भील जातिको जंगली जाति मानती है। इसलिए भीलोंकी गिनतो न तो तीनमें है और न तेरह में। ऐसी जंगली कही जानेवाली जातियोंकी ओर पादरियोंकी नजर जाती ही जाती है, क्योंकि उन्हें उनको अपनी ईसाई-सेनामें भरती करनेकी जरूरत है। इस तरह जो भरती की जाती है उसे मैं धर्म नहीं कहता; लेकिन यदि हिन्दू धर्मावलम्बी भीलोंकी परवाह न करें तो इसमें पादरियोंका क्या दोष? वे तो ऐसा मानते हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरीकेसे ईसाई धर्ममें शामिल किये जानेसे ईसाई हो जाता है। वह नया जन्म पाता है और सभ्य बन जाता है। यदि ऐसा करनेसे उन्हें आत्मदर्शन होता हो अथवा उनकी नीतिमत्तामें वृद्धि होती हो तो मेरे लिए शिकायतकी कोई बात न रहे। किन्तु मैं मानता हूँ कि वस्तुतः ऐसा नहीं होता, इसीसे राममन्दिरमें प्राणप्रतिष्ठाकी क्रियाको मैं भीलोंकी प्राणप्रतिष्ठाकी क्रिया कहता हूँ, क्योंकि मेरा विश्वास है कि उस समय वे रामनामकी महिमा जानेंगे, ईश्वरको समक्ष मानकर शराब और मांसादि त्याग करेंगे तथा इस प्रकार उस दिनसे