भी है। पानी बहुत हल्का है। वहाँ जानेसे काकाको बहुत लाभ हुआ है। लेकिन, इस सम्बन्धमें निर्णय तो सिर्फ मथुरादासको ही लेना है।
देवदास अब यहाँ आ गया है, बिलकुल ठीक है। वह दूध ले रहा है। बहुत पीला और कमजोर दिखता है, लेकिन अब चूँकि उसने दूध लेना शुरू कर दिया है, उसे शीघ्र ही तन्दुरुस्त और ठीक हो जाना चाहिए। मोतीलालजी शायद अगले हफ्ते यहाँ होंगे। इस सप्ताह मेरा वजन एक पौंड बढ़ा है।
हृदयसे तुम्हारा
देवलाली
अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ १९४६२) की माइक्रोफिल्मसे।
३५९. पत्रः मु॰ रा॰ जयकरको
साबरमती
१६ अप्रैल, १९२६
मेरे तारके[१] जवाबमें भेजा आपका तार मिला। मैंने तदनुसार सर्वश्री केलकर, मुंजे और अणेको तार[२] भेज दिये हैं। यह भी बता दूँ कि इस प्रस्तावित सम्मेलनके बारेमें कल प्राप्त हुए मोतीलालजीके तारसे जितना कुछ ज्ञात हुआ, उससे आगे मुझे कोई जानकारी नहीं है। तारमें उन्होंने कहा है कि वे यह सम्मेलन कराना चाहते हैं। तिथियाँ मैं हो निश्चित करूँ और फिर उसकी सूचना आपको दे दूँ। सो ऐसा मानकर कि तिथियोंके अलावा, इस सम्मेलनके विषयमें आपको सब-कुछ मालूम है, मैंने आपको तिथियाँ सूचित कर दीं। अब आपके तारके अनुसार मैंने तीनों मित्रोंको आगामी मंगलवार और बुधवारकी तिथियाँ बताते हुए तार[३] कर दिये हैं। ऐसा खयाल है कि मैं २२ तारीखको मसूरीके लिए रवाना होऊँगा। अगर ये तिथियाँ उपयुक्त नहीं जान पड़ीं और यह देखते हुए कि सम्मेलनमें बहुत कम लोग आमन्त्रित हैं, यदि उसमें मेरी उपस्थिति जरूरी समझी गई तो यह सम्मेलन शायद मसूरीमें भी हो सकता है।
मो॰ क॰ गांधी
अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ १९४६३) की फोटो नकलसे ।