पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 30.pdf/३३४

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

 

३३७. पत्र: के॰ टी॰ पॉलको[१]

साबरमती आश्रम
१३ अप्रैल, १९२६



प्रिय मित्र,

आपका पत्र मिला। जब श्री बुकमैन मुझसे मिले थे, उस समय मेरा मन पूरी तरह सम्मेलनमें न शामिल होनेके पक्षमें था, लेकिन उनके आग्रहको देखते हुए मैंने उस समय शामिल होनेका निर्णय नहीं किया था। अभी भी इस दिशामें किसी निश्चयपर नहीं पहुँच पाया हूँ। लेकिन कुछ मित्र, जिनके साथ मैंने इस बातपर चर्चा की है, इस पक्षमें हैं कि मैं निमन्त्रण स्वीकार कर लूँ। इसके पीछे उनके मिले-जुले कारण हैं। उनके ऐसी सलाह देनेका शायद सबसे प्रबल कारण यह है कि समुद्र-यात्रा और देशाटन मेरे स्वास्थ्यके लिए लाभदायक साबित हो सकता है। मेरे लिए एकमात्र निर्णायक बात यही होनी चाहिए कि वहाँ जाकर मैं कोई सेवा कर सकता हूँ या नहीं, दूसरे शब्दोंमें यह कि ईश्वरकी इच्छा ऐसी है या नहीं कि मैं वहाँ जाऊँ। मुझे कुछ साफ दिखाई नहीं दे रहा है। इसलिए अब मैं एक मित्रके नाते इसका निर्णय आपपर ही छोड़ता हूँ और मुझे सलाह देने या मेरी ओरसे किसी निर्णयपर पहुँचने में स्वभावतः, आप उन तमाम बातोंका खयाल रखेंगे जो मैं कहने जा रहा हूँ।

आप मेरे विचित्र पहनावेके बारेमें तो जानते ही है। उसमें कोई खास परिवर्तन कर सकना मेरे लिए सम्भव नहीं है। मैं ऐसे ही परिवर्तन कर सकता हूँ जो आबोहवाको देखते हुए जरूरी होंगे। पता नहीं, आपके निर्णयपर इस बातका कहाँतक असर होगा, लेकिन मुझे लगा कि यह बात आपके ध्यानमें ला देना ठीक रहेगा।

अगर वे मुझे भाषण देनेके लिए बुलाना चाहते हों तब तो मैं बेकार ही साबित होऊँगा। मैं एक ही तरहसे वहाँ कुछ सेवा कर सकता हूँ। वह है, खुले हृदयसे छात्रोंके साथ बातचीत करना। मेरा असली उपयोग इस तरहके वार्तालापोंमें ही है। भाषण देना मैं अपना सबसे कम महत्त्वका काम मानता हूँ। यह बात मैंने श्री बुकमैनके सामने बिलकुल स्पष्ट कर दी थी।

मेरे भोजनमें भी बड़ी झंझटें हैं। मैं सिर्फ शाकाहारी ही नहीं हूँ, मैं जो चीजें खाता हूँ, वे भी सीमित हैं। मेरे आहारका मुख्य हिस्सा बकरीका दूध है और अगर आपको यात्रा आदिका प्रबन्ध करना पड़ा तो भोजन सम्बन्धी अत्यन्त असुविधाजनक व्यवस्थाका पूरी तरह खयाल रखना पड़ेगा।

  1. यह पत्र के॰ टी॰ पॉलके ६-४-१९२६ के पत्रके उत्तरमें लिखा गया था। उस पत्रमें पॉलने गांधीजीसे यह अनुरोध किया था कि आगामी अगस्त महीनेमें हेलसिंगफोर्स, फिनलैंडमें होनेवाले यंगमैन्स क्रिश्चियन एसोसिएशनके विश्व-सम्मेलनमें भाग लेनेके निमन्त्रणपर विचार करें। (एस॰ एन॰ ११३४१)