पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 30.pdf/१८१

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

१४३. केवल परिमाणका भेद

ग्लासगो भारतीय संघके अधिकारियोंने एक गश्ती पत्र जारी किया है, जिससे ग्लासगो में रहनेवाले कुछ भारतीयोंपर लगाई गई निर्योग्यताएँ प्रकाशमें आई हैं। उस पत्रसे में निम्नलिखित अंश उद्धृत करता हूँ:

१८ मार्च, १९२५ को गृह विभागके सचिवने एक आदेश जारी किया, जिसकी एक प्रति इसके साथ संलग्न है। आदेशमें "विदेशी खलासियों" का पंजीयन करनेका निर्देश किया गया है। इस वर्षके जनवरी महीनेसे ग्लासगो शहर और जिलेमें इस आदेशपर अमल किया जा रहा है और यहाँके पुलिसके अधिकारियोंने आदेशके अन्तर्गत कार्य करते हुए उन व्यक्तियोंको भी, जिनके नाम और पते साथको सूचीमें दिये हुए हैं, मनमाने ढंगले विदेशियोंके रूपमें दर्ज किया है। वे सब लोग इस देशमें तीनसे लेकर चौदह सालसे रह रहे हैं। उनका जन्म भारतमें ही हुआ था,—अधिकांश लोगोंका पंजाबमें—और वे ब्रिटिश रियाया है। इनमें से बहुत-से लोग तो युद्धके दौरान यहाँ कामपर लिये गये थे और अब भी वे मजदूरोंके रूपमें यहाँ काम करते हैं। कुछ फेरीका काम करते हैं और कोई-कोई खलासीका काम भी करते हैं। वे सब बड़े शान्त और कानूनका पालन करनेवाले नागरिक हैं। गृह-विभागके सचिवका इन लोगोंको "विदेशी खलासी" के रूपमें पंजीकृत करनेका इरादा है, पर वे निःसन्देह विदेशी नहीं हैं; और यह बात बहुत महत्त्वपूर्ण है कि उन्हें जो शिनाख्त पुस्तिका वी गई है, उसमें उनके राष्ट्र और जन्मस्थानके नामोंकी जगह खाली छोड़ दी गई है। हम भारतीयोंका खयाल है कि गृह विभाग की यह कार्रवाई भारतीयोंके व्यवस्थित बहिष्कार की सामान्य नीतिको, जो पिछले कुछ वर्षोंसे जोरोंपर है, पराकाष्ठा है। "स्कॉटलैंडके अत्यन्त उदार नगर" ग्लासगोमें तमाम भारतीयोंको उनकी राष्ट्रीयताके कारण कुछ सिनेमाघरों और आमोद-प्रमोदके अन्य स्थानोंपर जानेकी मनाही कर दी गई है। ब्रिटेनके इतिहास में उसपर आये सबसे घोर संकट और विपत्तिके दिनोंमें भारतीयों द्वारा की गई उसकी विशिष्ट सेवाके लिए इस देशके लोगोंकी कृतज्ञताका यह बड़ा अच्छा सबूत है।

इस पत्रके साथ गृह-सचिव के हस्ताक्षरोंसे युक्त आदेश भी नत्थी किया हुआ है। इसे "रंगदार विदेशी खलासी", पर विशेष नियन्त्रण रखनेका आदेश कहा गया है। इस आदेश में ६३ व्यक्तियोंका उल्लेख है। शायद एकको छोड़कर, जो नामसे हिन्दू लगता है, बाकी सब मुसलमान हैं। उनमें से अधिकांश लोगोंको फेरी लगानेवाला बताया गया है, केवल दो व्यक्तियोंको खलासी बताया गया है। और वे सब मुख्यत:

३०-१०