५३४ सम्पूर्ण गांधी वाङमय विज्ञप्ति, ३५६, १९०३, ३१८, ३२१, पर ब्रिटिश भारतीय संघ, ३१८-१९ विन्दन डैविड, १०;- श्रीमती ९-१०, १२, ८६, १४०, २१७ विन्दन बनाम लेडी स्मिथ लोकल बोर्ड, १८९६, १०; २१७ विलियम्स, डॉ० क्लारा, १५५ विलियर्स, डी, १ विल्किन्सन, १८४ विल्सन, सी० जी०, की दृष्टिमें एशियाई नेटाल उपनिवेशके लिए अभिशाप, ३६ वील, डॉ०, ११, ४०३; भारतीयोंकी स्वच्छतापर, ६९- ७०, ४२९ वुडगेट, मेजर जनरल, १५० वेजिटेरियन, ३०८ वेडरबर्न, सर विलियम, ६१ पा० टि०, ६८, ७६, १७९, २०४, ३०२ पा० टि०, ३०९-१०, ४१३, ४२३; ४४३; - ट्रान्सवालके भारतीयोंकी स्थितिपर, ४११; -का सुझाव; के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन, ४०१ वेरुलम, ८८, १०१, १०६-७ वेस्ट, सर रेमंड, ४०१९ दक्षिण आफ्रिकामें भारतीयोंके साथ उपनिवेशियोंके व्यवहारपर, ४०१-२ वेस्ट स्ट्रीट, १८, २०७, ३४४ वेबस्टर, ९, १२ वोरा, हरिदास बखतचन्द, ३७८-७९ व्यावहारिक, मदनजीत, १०६, ११८, २७७ पा० टि०, व्हाइट, जनरल सर जॉर्ज स्टुवर्ड १४७, १५३-५४, १७९; -ने अपनेको लेडीस्मिथमें घिर जाने दिया, २३६ व्हाइट हाउस, ४७० शफी मुहम्मद, ४६ श शब्दकोश, (वेन्स्टर), ९, १२ शमशुद्दीन, १८७ शरणार्थी सहायक समिति (रिफ्यूजी रिलीफ कमिटी), १५१-५२ शाइलॉक, २५८, ४७६ शाद्रक, एस०, १२३ शान्ति-रक्षा अध्यादेश (पीस प्रिजर्वेशन आर्डिनेंस), ३४७- ४८, ४१९, -द्वारा शरणार्थियोंको छोड़ शेष समस्त भारतीयों के प्रवेशपर रोक, ४१६ शायर, १९३-९४ शिमला, ११२ शिवलालभाई, ३८० शुक्ल, दलपतराम भवानजी, ५४, २३५, २८१, ८३-८४ शुभाशा अन्तरीप (केप ऑफ गुड होप), २३०, ३५५ श्रम आयोग, ४८३, ४८८ श्वेत-संघ (व्हाइट लीग), ३४५-४६, ३५१, ३६२, ३८५, ४४६, ४६०, ४८५ स संसद, (ऑरेंज फ्री स्टेट), ७४; -(केप), में एशियाई मजदूरोंके लानेके विरोध में प्रस्ताव पास, ३८५; - (ट्रान्सवाल), ४१; -(नेटाल), १०९; -की भारतीयोंपर निर्योग्यताएँ लादनेकी कोशिश, २७० सफरी, ५९ सफाई दारोगा, २, १८, २८, ३४-३५, ४२, ४४, ४६, ५२, ५५; की रिपोर्ट, ४५ सम्राज्ञी, १-२, १५, २७, ४३, ५६, ६२, ६८-७०, ७४-७५, ७७, ८०, ८९, ९२-९५, १११, ११५, १२३ पा० टि०, १२८, १३३, १३८, १५१, १५३, १६०, १६३-६७, १७१-७२, १८५, १९०, २४०, ३१९, ३८३, ४२७ की १८५८ की घोषणा, ३८४; की प्रतिमापर पुष्पांजलि, १८५९ -की मृत्युपर शोक, १८५, देखिए विक्टोरिया सम्राज्ञीकी न्याय परिषद (श्रीवी कौंसिल), १६, ३४, ४१, ६२, ११७, १३३; -के निर्णयके कारण भारतीय व्यापारियों का भविष्य भयानक, २७; -के निर्णय के कारण भारतीय पेढ़ियाँ हताश, ४३; द्वारा विक्रेता- परवाना अधिनियम के अन्तर्गत आनेवाले मामलोंको सुननेके अधिकारसे सर्वोच्च न्यायालयको वंचित करनेकी पुष्टि, १३१ सम्राज्ञी - सरकार, १-२, १५, २६-२७, ३३, ४१-४४, ६८-६९, ७५, ८१, ८३, ९३-९५, २९३, ३५८९ -की भारतीयोंके साथ अन्य प्रजाजनोंके समान व्यवहार करनेकी इच्छा, २८९ सम्राट और सम्राज्ञीकी यात्रा समस्त साम्राज्य के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण, ४२७ सम्राटका भाषण, १९७ सयानी, १११, २८२ सरकारी सूचना, ३१४-१५; सरकारी सूचना नं० ५१७, १८९७, ५१; सरकारी सूचना नं० ६२१, २३ सर्वोच्च न्यायाधिकरण, १३४ सर्वोच्च न्यायालय, २५, २९, ३४, ३६, ४२, ५०, ८८, ९९, १०२, ११७, १३२, १७५, १८४, १८६, २५०, २८६-८७, ३२०, ४६३ पा० टि०, ४७४ -७५, ४८०, ४८२-८३, ४९१३ - विक्रेता-परवाना अधिनियम के अन्तर्गत भानेवाले मामलोंकी सुनवाईके अधिकारसे वंचित, १३१; का परवाना कानून द्वारा अपील सुननेका परंपरागत अधिकार समाप्त, २६३; द्वारा अपील नामंजूर, ३४ सहायक उपनिवेश सचिव द्वारा गांधीजीको भारतीयोंका प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देनेसे इनकार, २९० साँडर्स, जेम्स आर०, २९८, ४७१; नेटालके भारतीयोंकी उपयोगितापर, २७२; -भारतीय प्रवासियोंके नेटाल- Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 3.pdf/५७६
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