कार्टराइट, अल्बर्ट, ११८, ११९-२०, १३९, १५० किचनर, लॉर्ड, १७, १८, ६३, १३९ कूच, की घोषणा, २२४; - की तैयारी, २१७, २१९, २२३-२४; - की तैयारी के मीठे-कड़वे संस्मरण, २२०-२१; - के आरम्भमें जनरल स्मट्सकी जो स्थिति थी वह बादमें नहीं, २४३; विचारोंकी उन्हें उत्पत्ति, २१७; –के समय मजदूरोंको कोयलेकी खानोंमें काम करनेके लिए विवश करना और नेटालमें मारना-पीटना, २३४; - में अन्य कार्य-कर्ताओं की गिरफ्तारी, २३२-३३; -में नेताओंकी गिरफ्तारी, २२७ कूने स्नान (बाथ), १९२ कैलनबैक, हरमान, १३६, १३७, १७८-८०, १८२, १८३, १८८-१९१, १९३, १९४, १९७, १९९, २०२, २०३, २२०, २२३, २२७; - की अपील भारतीयों के प्रति न्याय करनेके लिए, २२५-२६; -की रिहाई, २३९; -के साथ जेलमें किये गये व्यवहार, २३२- ३३; -को कारावास दण्ड, २३१;- द्वारा नक्श चित्रकारीपूर्ण दरवाजे, श्री गोखलेके स्वागतके लिए, १९६ कोतवाल, पी० के०, १८६, १८८ |
क्रूगर, राष्ट्रपति, १६, ५४; -की युद्धके लिए तैयारी, ५५-५६; -ने भारतीयों- की माँगको अस्वीकृत कर दिया, २९ ख
ग
गांधी, मोहनदास करमचन्द, -और परवाने लेनेके सम्बन्धमें दलीलें, १२१-२३; -का इंग्लैंडके लिए रवाना होना, भारत वापस आते समय, २४९; -का इंग्लैंड पहुँचना, ९२; -का जुलू विद्रोह- में स्वयं सेवकके रूपमें काम करना, ७५; का डर्बनके समाचारपत्रों द्वारा बचाव, ५०; - का दक्षिण आफ्रिका वापिस आना, ४४, ९४; -का दक्षिण आफ्रिका वापिस जाना, ४२; -का दूसरी बार जेल जाना, १६८; -का परवाने स्वीकार करनेके सम्बन्धमें स्मट्सके साथ समझौता, ११८-२१; -का बोअर युद्ध में अंग्रेजोंकी मददके लिए आग्रह, ५६-६८; - का भारत पुनः आगमन, ६३; -का भेष बदलकर बच निकलना,
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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय