पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 29.pdf/४५८

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४३२
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


किया होता। अब तो उस सभाका रूप भारतीय मद्य-निषेध मण्डलके नामकी जगह राष्ट्रीय मद्य-निषेध दल हो गया है। तो अब मैं यह आशा करता हूँ कि वह दल अधिक साहसपूर्ण नीतिका अनुसरण करेगा और मद्यपान निषेधको दूर अथवा अनिश्चित भविष्यमें प्राप्तव्य ध्येय न समझकर, उसे जनमत लेनेकी तूल-तबील पद्धति अपनाये बिना फौरन ही अमल करने योग्य राष्ट्रीय नीति समझेगा और तदनुसार कार्य करेगा।

[अंग्रेजी से]

यंग इंडिया, ४-२-१९२६

१६७. टिप्पणियाँ

अध्यवसायी श्री एन्ड्रयूज

दक्षिण आफ्रिकाकी संघ सरकारके द्वारा भारतीयोंके खिलाफ कानून बनानेके विधेयकका परिणाम चाहे कुछ भी निकले, परन्तु इसमें सन्देह नहीं कि इस प्रश्नको हल करने में श्री एन्ड्रयूजका योगदान सबसे बढ़चढ़कर माना जायेगा। उनकी अदम्य शक्ति, उनकी अनवरत जागरूकता और मृदुतासे समझाने की क्षमताने हमारे मनमें सफलताकी आशा उत्पन्न कर दी है। यद्यपि वे शुरूमें बड़े निराश हुए थे, परन्तु अब वे स्वयं हम लोगोंको यह आशा दिला रहे हैं कि वह विधेयक कमसे-कम इस सूत्रमें पेश नहीं होगा। वे चुपचाप पत्र सम्पादकों और सार्वजनिक कार्यकर्ताओं से मुलाकातें कर रहे हैं। वे पादरियोंकी सहानुभूति प्राप्त करके उनसे इस नये कानूनका जोरदार शब्दों- में विरोध करा रहे हैं। इस प्रकार उन्होंने दक्षिण आफ्रिकाके यूरोपीयों तककी रायको, जो इस कानूनके पक्षमें थी, डिगा दिया है। इस प्रश्न सम्बन्धी अपने गहरे अध्ययनकी बदौलत वे यह प्रमाणित कर चुके हैं और दक्षिण आफ्रिकाके नेताओंको यह यकीन भी होने लगा है कि उस कानूनसे स्मट्स-गांधी समझौतेका सरासर भंग होता है। उन्होंने बिखरी हुई भारतीय शक्तियोंको भी इस विधेयकका विरोध करनेके लिए एकत्रित किया है। इस प्रकार श्री एन्ड्रयूजने भारतकी और मनुष्य समाजकी अबतक की हुई अपनी सेवाओंमें एक और मजबूत कड़ी जोड़ी है। अंग्रेजों और भारतीयोंके सम्बन्धको मधुर बनाने के लिए जितना प्रयत्न श्री एन्ड्रयूजने किया है उतना आजतक किसी भी अंग्रेजने नहीं किया है। उनको यही धुन लगी हुई है कि इन दोनों राष्ट्रोंके निवासी एक ऐसे बन्धनमें बंध जायें जो कभी न टूटे और जिसका आधार पारस्परिक आदर और पूर्ण समानता हो। ईश्वर करे उनका यह स्वप्न सच्चा उतरे।

मिश्रित खादी कोई खादी नहीं है

एक पत्रलेखक लिखते हैं:

गुंटूर जिलेके पलनाडमें एक किस्मकी ऐसी खादी बन रही है जो नाम मात्रकी खावी है। उस खादीकी किनारीमें एक विशेष डिजाइन है जिसे