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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

पहुँचा हूँ कि यदि तुम विवाह करोगे तो उससे तुम दोनोंका ही अहित होगा और तुम्हारे अपने कार्यमें भी विघ्न पड़ेगा। को विवाहके अलावा दूसरी बात सूझती ही नहीं है। मोहके अलावा इसका कारण और कुछ नहीं। यह बहन जितनी भली है उतनी ही भोली और सीधी है। इसे भारी देशसेवा अथवा लोकसेवा करनी है, ऐसा भी कुछ नहीं है। इसके विवाहको आदर्श विधवा विवाह नहीं माना जा सकेगा। तीस वर्षकी आयुमें विवाह करनेकी उसकी इच्छामें कुछ असाधारणता हो तभी तुम्हारे जैसे पुरुषका उस विचारसे सहमत होना उचित हो सकता है; किन्तु मैं ऐसी एक भी बात नहीं देखता। इसलिए मेरी सलाह तो यही है कि तुम दृढ़ता- पूर्वक... को मोहसे मुक्त करो। मैंने तो तुम्हारे रोगसे यह समझा था कि तुम जल गये होगे। तुम्हारे मित्र तुमसे सन्तानोत्पत्ति न करनेकी आशा रखें, यह कुछ बहुत नहीं है। तुम्हें उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। और विवाह करनेके बाद तुम इससे बच सकोगे, मुझे ऐसा नहीं ता। मैं यह इतना मान कर कह रहा हूँ कि तुम विषयोंको भोगते हुए कृत्रिम उपायों द्वारा सन्तति-नियमन करनेके पापमें लिप्त नहीं होओगे। मेरी दृष्टिमें जो व्यक्ति इन उपायोंका उपयोग कर सकता है वह स्त्री- समाजमें काम नहीं कर सकता। तुम विवाह न करके ही . की पूर्ण सेवा कर सकोगे। उसे तुम सगी बहनके समान मानो, उसको सहारा भी दो और उससे जितना बन सके, काम भी लो। हम हजारों स्त्रियोंसे माँ और बहनोंका सम्बन्ध रख सकते हैं, लेकिन मान लो बहुत सारी स्त्रियाँ हमारे मोहमें पड़ जायें तो हम उनमें से कितनी स्त्रियोंसे विवाह कर सकते हैं? आज जैसे मोहित है वैसे ही कल और कोई स्त्री मोहके वशीभूत हो जाये तो उसका क्या उपाय हो सकता है ? यदि इसे उचित मान लें तब तो इस युगके अथवा पश्चिममें प्रचलित उन्मुक्त प्रेमका अथवा स्वेच्छाचारका आश्रय लेना ही बच रहता है। मैं चाहता हूँ कि तुम बिना सोचे-समझे कोई भी कार्य न करो।

इन सब बातोंपर विचार करनेके बाद भी तुम करना तो वही जो तुम्हें उचित जान पड़े। लगता है कि तुम्हारे विवाहकी सम्भावनाकी बात बहुत लोग जानते हैं। यह मुझे ठीक नहीं लगा। यह बात आश्रमकी स्त्रियोंको भी मालूम हो गई है और भाई छगनलाल जोशी कहते हैं कि महाविद्यालयमें तो सभी यह मान बैठे हैं कि तुम्हारा विवाह आश्रम में ही सम्पन्न होगा।

यह पत्र भाई किशोरीलालको दिखा रहा हूँ और उसे भी जो वह लिखना चाहे सो लिखनेका सुझाव दे रहा हूँ।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती पत्र (एस० एन० १२१८०) की फोटो-नकलसे।