११३. संदेश: 'बॉम्बे क्रॉनिकल' को
साबरमती
९ जनवरी, १९२६
श्री हॉनिमैनको मेरा हार्दिक अभिनन्दन। इस बहादुर अंग्रेजके प्रति और हमारे प्रति किये गये गम्भीर अन्यायका[१] परिमार्जन करनेके लिए सरकार बधाईकी पात्र है। ईश्वर करे श्री हॉनिमैनका काम खूब फूले-फल। भारतको इस समय अपने मित्रोंसे सभी प्रकारकी सहायताकी आवश्यकता है।
मो० क० गांधी
[अंग्रेजीसे]
बॉम्बे क्रॉनिकल, १२-१-१९२६
११४. संदेश : 'कुमार' को
पौष वदी १०, १९८२ [९, जनवरी १९२६]
मैं कुमारों और कुमारियोंसे चरखेकी बात न कहूँ तो और काहेकी कहूँ ? 'कुमार' पढ़नेवाले बालक व बालिकाओंको चाहिए कि वे जो बालक 'कुमार' नहीं पढ़ सकते या जिन्हें वह नहीं मिलता उनके साथ चरखा-स्तवन करते हुए सूत कात कर उनके अर्थ यज्ञ करें। वे उनसे इस तरह सम्बन्ध स्थापित करें और ईश्वरकी झाँकी प्राप्त करें।
मोहनदास करमचन्द गांधी
[गुजराती से]
कुमार, पौष, १९८२
- ↑ १. बॉम्पे क्रॉनिकलके सम्पादक बी० जी० हॉर्निमैनको २६ अप्रैल, १९१९ को निर्वासित किया गया था; देखिए खण्ड १५ पृ४ २५९-६०।