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२००. बहिष्कार बनाम रचनात्मक कार्य

आन्ध्र प्रदेशके एक भाईने मुझे गंजम जिला सम्मेलनमें शामिल होनेका फौरी निमन्त्रण देते हुए निम्नलिखित पत्र लिखा है :

कांग्रेसके रचनात्मक कार्यक्रमको सबसे अच्छी तरह हीरामण्डलम् के आसपासके स्थानोंमें अंजाम दिया गया। अधिकांश लोग खादी पहनते हैं। आप शायद जानते हैं कि आन्ध्रदेशको विधान परिषदोंमें जाकर काम करनेवाली बात पसन्द नहीं है। आन्ध्रदेश अपरिवर्तनवादियों के साथ है। बहिष्कार योजना छोड़ देनेपर वह आपसे रुष्ट है। हम तो रचनात्मक कार्य द्वारा ही सफलता की आशा करते हैं। लोग हताश होते जा रहे हैं। उनका उत्साह बहुत मंद पड़ गया है। हीरामण्डलम् खादी उत्पादनका एक बहुत बड़ा केन्द्र है। फिरका कांग्रेस कमेटी कई किस्मका खद्दर तैयार करती है, और उसकी दूकान जिलेभरकी अच्छीसे-अच्छी दूकानोंमें से है। जिलेमें एक राष्ट्रीय पाठशाला भी है। यहाँ वैश्योंकी खासी बड़ी आबादी है। ये सब खद्दर पहननेवाले हैं। लेकिन इस सबसे क्या लाभ? स्वराज्यके लिए उनका उत्साह लगभग मर चुका है। बहिष्कारके बिना लोगोंको रचनात्मक कार्यमें कोई विश्वास नहीं है। इस उत्साहको फिरसे जीवित करने के हमारे प्रयत्नोंका कोई असर नहीं हो रहा है। मैंने अपनी सारी सांसारिक श्री-संपदाका त्याग कर दिया है, बिलकुल कंगाली ओढ़ ली है, और इसके बावजूद निराशाओंसे जूझता हुआ स्वराज्य पानेके लिए कार्यरत हूँ।

मैंने पत्र-लेखक मित्रको सूचित कर दिया है कि मैं कितना भी चाहूँ, लेकिन मेरे लिए गंजम जिला सम्मेलनमें शामिल हो सकना असम्भव है। मैं इस वर्षका अपना दौरेका कार्यक्रम बड़ी कठिनाईसे और मेरी दृष्टिसे देखा जाये तो, धीरे-धीरे पूरा कर रहा हूँ। इस लगातार यात्राके बाद मैं कुछ आराम पानेकी आशा करता हैं। इसलिए मझे दुखके साथ अपने आन्ध्र भाइयोंको निराश करना पड़ रहा है। लेकिन ऊपर जो पत्रांश मैंने उद्धृत किया है उसका उद्देश्य इस बातका प्रचार करना नहीं है कि मेरे थके शरीरको आरामकी जरूरत है। बल्कि, इसका उद्देश्य उस भ्रमका निवारण करना है जिसके कारण पत्र-लेखकने ऐसा मान लिया है कि रचनात्मक कार्यमें लोगोंकी रुचि न होनेसे कांग्रेस द्वारा बहिष्कार कार्य स्थगित कर दिया गया है। पहली बात तो यह है कि यदि आन्ध्र देशको विधान परिषदोंमें जाकर काम करना पसन्द नहीं है तो कांग्रेस उन्हें इस बातपर विवश नहीं करती कि वे उसे पसन्द करें ही। उसने तो सिर्फ, जिन लोगोंको विधान परिषदोंके काममें विश्वास है उन्हें कांग्रेसकी ओरसे और कांग्रेसके नामपर उस कामको हाथमें लेनेका अधिकार प्रदान किया है। जिन लोगोंने किसी आन्तरिक विश्वासके कारण नहीं बल्कि कांग्रेसके प्रति अपनी निष्ठाके कारण इस कामको छोड़ दिया था उनपर से कांग्रेसने कौंसिल प्रवेश विषयक