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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मेरी जानकारीमें बहुत हैं; लेकिन वे अपने काते हुए सूतसे अपना कपड़ा बनवानेका आग्रह रखनेके कारण अधिक सूत दानमें नहीं दे सकते। लेकिन इन आँकड़ोंसे पता चलता है कि प्रत्येक मास ३,००० गज सूत कातना बहुत ही आसान है किन्तु इतनेपर भी वह जितना आसान है उतना ही महत्त्वपूर्ण भी है।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, २४-८-१९२४

२४. टिप्पणियाँ

वन्ध्या पालियामेन्ट

एक पत्रकारने ये विचार व्यक्त किये हैं:[१]

पार्लियामेन्ट तो सचमुच ही वन्ध्या होगी। मुझे यह भरोसा नहीं कि हिन्दुस्तानमें उसका यह अवगुण बदला जा सकेगा। लेकिन मैंने इतनी आशा अवश्य रखी है कि हमारी पार्लियामेन्ट वन्ध्या ही रहेगी, कपूत तो नहीं जनेगी। मैं व्यावहारिकताके विचारको नहीं छोड़ सकता। रामका राज्य ही एक आदर्श है। लेकिन हम राम कहाँसे लायेंगे? पत्रकार लिखते हैं: "प्रजा जिसको माने।" किन्तु प्रजा क्या है? पार्लियामेन्ट जिसे मान्य करे वही पुरुष या स्त्री चरित्रवान् है---ऐसी है हमारी दृष्टि। प्रजाकी आवाज प्रजाकी ही होनी चाहिए, वह आवाज किरायेके मत देनेवाले लोगोंकी न हो। इस हेतुसे मैं बहुतेरी मर्यादाएँ सुझा रहा हूँ और इसी हेतुसे ऐसी युक्तियाँ ढूँढ़ रहा हूँ कि हम सारी प्रजाकी आवाज सुन सकें। जितनी पद्धतियाँ है सभी सदोष हैं। आज तो हम ऐसी पद्धति ढूँढ़ रहे हैं जिससे हिन्दुस्तानको अधिकसे-अधिक लाभ मिल सके। अच्छे आदमी बुरी पद्धतिको भी अच्छा बना लेते हैं; जैसे बुद्धिमान गृहिणी धूलमें से भी धान पैदा कर लेती है। दुष्ट आदमी अच्छीसे-अच्छी पद्धतिका भी दुरुपयोग करते हैं, जैसे मूर्ख गृहिणी अच्छी धानको भी धूल बना देती है। इसलिए मैं भारतमें अच्छे आदमियोंको ढूँढ़ रहा हूँ और ऐसे लोग बाहर निकल आयें, ऐसी युक्तियाँ कर रहा हूँ। लेकिन मनुष्य क्या कर सकता है? वह तो केवल शुभ प्रयत्न ही कर सकता है। उसका परिणाम तो ईश्वरके अधीन है। परिणामका परिपाक एक मनुष्यके नहीं, अनेक मनुष्योंके प्रयत्नपर निर्भर है। उसमें अनेक अनुकूल परिस्थितियोंका योग होता है। इसलिए हमारे लिए तो "एक कदम आगे बढ़ना ही पर्याप्त होगा।"

अन्तरात्माकी पुकार

पूर्वोक्त पत्रकार आगे कहते हैं:[२]

लेखककी ये बातें यथार्थ है; परन्तु ये दोष अनिवार्य हैं। यदि सच्चोंके नामपर झूठे लोग ठगते फिरें तो क्या इससे हम सच्चोंको त्याग देते हैं? अन्तरात्मा

  1. १. ये यहाँ नहीं दिये गये हैं। इनमें इंग्लैंडकी संसदीय पद्धतिकी आलोचना की गई थी।
  2. २. यहाँ नहीं दिया गया है।