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६४. तार: पण्डित मदनमोहन मालवीयको[१]
साबरमती
[६ सितम्बर, १९२४]
पण्डित मालवीयजी
शिमला
शिमला
तारके लिए धन्यवाद। आपसे जितना बने सब सहायता चाहूँगा। क्या आप दिल्लीके हिन्दुओंसे सुझाई गई शर्ते माननेको कह सकेंगे?
गांधी
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १०१५१) की फोटो-नकलसे।
६५. तार: मुहम्मद अलीको
६ सितम्बर, १९२४
मौलाना मुहम्मद अली
कूचा चेलान
दिल्ली
कूचा चेलान
दिल्ली
अभी पहुँचा हूँ। मालवीयजीको तार दिया। आशा है आप सानन्द होंगे।
गांधी
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० १०१५१) की फोटो-नकलसे।
- ↑ यह तार मालवीयजीके ५ सितम्बरके तारके उत्तरमें भेजा गया था। वह तार इस प्रकार था: "हार्दिक दुःख कि पिछले दो महीनोंके बहस-मुबाहिसेमें आपकी कोई सहायता नहीं कर सका, पर आपके निर्णयसे बड़ी प्रसन्नता हुई। निर्णय आपके योग्य है। सुना है आप यहाँ आ रहे हैं। यदि आ रहे हों तो निश्चय ही आप मेरे साथ शान्तिकुटीरमें ठहरें।"