देवदास उक्त अंशोंको लिखकर मेरे पास भेज दे ताकि मुझे उन अंशोंपर कार्रवाई करने योग्य हकीकतका पता चल जाये।
मुझे अभी डा॰ अन्सारीका तार मिला कि शौकत अलीका ज्वर फिर उतर गया है। मनको धीरज हुआ।
- सस्नेह,
हृदयसे आपका,
मार्फत डा॰ मु॰ अ॰ अन्सारी
१, दरियागंज
- अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८७०४) की फोटो-नकलसे।
३२३. पाठकोंसे
जुहू
चैत्र सुदी ६ [१० अप्रैल, १९२४]
आजकल उत्तर हिन्दुस्तानके कई अखबारोंमें हिन्दू-मुसलमानोंके दिल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। उन अखबारोंमें द्वेष, अत्युक्ति, इत्यादि झूठके लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए ऐसे मौकेपर आपका और मेरा कर्त्तव्य है कि हम इस बढ़ती हुई ज्वालाको बुझानेकी पूरी-पूरी कोशिश करें। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारे बीच-पड़नेका कोई कारण नहीं है। हम सब अपने-अपने धर्म-कर्मपर कायम रहते हुए एक दूसरेके साथ भाईकी तरह बरताव कर सकते हैं। इसी तरह रहना हमारा धर्म है। इसलिए मैं उम्मीद रखता हूँ कि आप सब लोग दोनों कौमों में भाईचारा बढ़ानेकी निरन्तर कोशिश करेंगे। हिन्दुओं या मुसलमानोंके खिलाफ जो कुछ कहा या लिखा जाये उसे आप बगैर जाँचे और छान-बीन किये हरगिज न मानें।
आपका,
मोहनदास गांधी