यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३८४
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
भेजने के लिए कहा, इसके लिए उन्हें मेरी ओरसे धन्यवाद दे दीजियेगा। मूल पुस्तक मैंने नहीं पढ़ी है।
हृदयसे आपका,
मो॰ क॰ गांधी
रेवरेंड एच॰ आर॰ स्कॉट
मिशन हाउस
- अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८६५६) की फोटो-नकलसे।
२६९. पत्र : महादेव देसाईको
पोस्ट अन्धेरी
४ अप्रैल, १९२४
प्रिय महादेव,
किसी आते-जाते के हाथ 'इंडियन ओपिनियन' की फाइल तथा यदि उपलब्ध हो तो सॉलोमन-रिपोर्ट[१] यथासम्भव शीघ्र भेज दो।
हृदयसे तुम्हारा,
बापूके आशीर्वाद
३ बजे रात्रि[२]
[पुनश्च :]
- किंगडम ऑफ हैवन—मोक्ष
- पैराडाइज—स्वर्ग
- शेषके बारे में फिर कभी
घोटाला इसीको कहते हैं। मैंने उससे कहा था कि तुम अपनी ओरसे ही लिखो। परन्तु उस बेचारेकी समझमें आया ही नहीं। इसमें दोष किसका है? निश्चय ही मेरा। 'यंग इंडिया' में तुम्हारे दोनों परिवर्तन सही थे। इस आदतको जारी रखो।
- अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८६५७) की फोटो-नकलसे।
- ↑ सॉलोमन आयोग की नियुक्ति अन्य बातोंके अतिरिक्त द॰ आ॰ में भारतीय विवाहोंको कानूनी मान्यता तथा तीन-पौंडी करको रद्द करनेके सम्बन्धमें की गई थी; देखिए खण्ड १२, पृष्ठ ३८८-९१ तथा ६०२-८।
- ↑ गोलीकेरेने, जो इन दिनों गांधीजीके टाइपिस्टकी हैसियतसे काम कर रहे थे, उस पोस्टकार्डको टाइप किया और उसे हस्ताक्षरके लिए गांधीजीके पास पहुँचा दिया। गांधीजीने दूसरे दिन सुबह उस पोस्टकार्डपर अपने हस्ताक्षर गुजरातीमें किये और कुछ बातें जोड़ भी दीं, जो अन्तमें दी जा रही हैं। एक हफ्ते बाद इन बातोंका स्पष्टीकरण पत्र द्वारा किया गया। देखिए "पत्र : महादेव देसाईको," ११-४-१९२४।