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पत्र : फ्रेजर अलसिन्सको

लोगोंसे, जिन्हें मैं जानता हूँ और उन लोगोंसे भी जिनसे मुझे मिलनेका सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ, इतना अधिक स्नेह प्राप्त हुआ है कि मुझे लगता है मेरा बीमार पड़ना लगभग ठीक ही हुआ।

हम दोनोंकी ओरसे आप दोनोंको स्नेह,

सदैव आपका,

[पुनश्च :]
ज्ञापन पत्र अभीतक मेरे पास नहीं पहुँचा है।
श्री एस॰ ई॰ स्टोक्स

हारमनी हॉल
कोटगढ़

शिमला हिल्स
अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ८४९७) की फोटो-नकलसे।
 

१५३. पत्र : फ्रेजर अलसिन्सको

पोस्ट अन्धेरी
१५ मार्च, १९२४

प्रिय मित्र,
आपका १० फरवरीका पत्र मिला।[१]

मैं एक अलग कागजपर अपने हस्ताक्षर भेज रहा हूँ। मुझे दुःख है कि मैं अपने हस्ताक्षर स्याहीसे करके नहीं भेज पा रहा हूँ, क्योंकि मेरा हाथ अभीतक बहुत काँपता है और मैं मजबूती के साथ कलम पकड़कर नहीं लिख सकता।

हृदयसे आपका,

श्री फ्रेजर अलसिन्स

द हिल स्कूल
पॉट्सटाउन

पेन्सिलवेनिया, अमेरिका
अंग्रेजी पत्र (एस॰ एन॰ ८४९८) की फोटो नकलसे।
  1. अलसिन्सने लिखा था कि वे विख्यात व्यक्तियोंके हस्ताक्षर इकट्ठे कर रहे हैं और अपने उक्त संग्रहमें गांधीजीके हस्ताक्षरों को रखना भी वे बड़े गौरवकी बात मानेंगे।