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२७. तार: सी॰ विजयराघवाचार्यको[१]

[१८ दिसम्बर, १९२१ या उसके पश्चात्]

साधारण

आचार्य

सेलम

श्राद्धमें कोई कठिनाई नहीं।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ७७४४) की फोटो-नकलसे।

२८. तार: मदनमोहन मालवीयको[२]

१९ दिसम्बर, १९२१

मालवीय

जमनादास [और] कुँजरूसे मिला। कृपया दमनकी चिन्ता न करें। सरकार जबतक सचमुच गलती नहीं मानती और तीनों मसलोंका निबटारा करनेकी कोशिश नहीं करती तबतक सम्मेलनका कोई परिणाम नहीं होगा।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ७७३०) की फोटो-नकलसे।

  1. यह तार विजयराघवाचार्यके १७ दिसम्बर, १९२१ के तारके जवाब में था। तार इस प्रकार था: "कांग्रेस [अधिवेशन] के बाद ही स्थानीय स्थितियोंसे निपटना ठीक होगा। क्या आप श्राद्ध करनेके लिए स्थानकी व्यवस्था कर सकते हैं? यह भी स्मरण रहे कि कानूनन हम श्रीयुत दासकी जगह कार्यवाहक अध्यक्ष ही चुन सकते हैं। साल-भरतक वही स्थायी अध्यक्ष रहेंगे।"
  2. यह मालवीयजीके १६ दिसम्बर, १९२१ के तारके उत्तरमें भेजा गया था। देखिए "मदनमोहन मालवीयको भेजे जानेवाले तारका मसविदा", १६-१२-१९२१ की पादटिप्पणी।