पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 22.pdf/७३

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४९
टिप्पणीयाँ

एक बार विनयकी शिक्षा प्राप्त कर लें तो किस अवसरपर हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह बात स्वतः मालूम हो जायेगी ।

जहाँ अहम् है वहाँ अविनय और उद्धतता है । जहाँ अहम् नहीं है वहाँ सभ्यताके साथ-साथ स्वाभिमान है । अहम्भाव रखनेवाले मनुष्यको शरीरका अभिमान होता है । स्वाभिमानको बनाये रखनेवाला मनुष्य आत्माको पहचानकर केवल उसीकी चिन्ता करता है और उसके बाद शरीरको गला देनेके लिए तैयार रहता है । स्वाभिमानका पुजारी इस संसारमें सभीके साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करता है, क्योंकि उसे अपने सम्मान के समान ही अन्य लोगोंका सम्मान भी प्रिय होता है । वह सबमें अपनेको तथा अपनेमें सबको देखता है और अपने को दूसरेके स्थानपर रखता है । अहंकारी सबसे अलग रहता है । वह अपनेको सबसे ऊपर मानकर जगत्का काजी बननेकी कोशिशमें जगत् के सम्मुख अपना हलकापन सिद्ध करता है ।

इससे शान्त असहयोगीको विनयको एक अलग गुण मानकर उसका विकास करना होगा । और यही राष्ट्रकी अथवा व्यक्तिकी सभ्यताका मापदण्ड है । असभ्यता पशुता है, निश्चयपूर्वक ऐसा समझकर असह्योगीको उसका समूल त्याग करना चाहिए ।

[ गुजरातीसे ]

नवजीवन, १८-१२-१९२१

२५. टिप्पणियाँ

धन्य है यह नारी !

ख्वाजा साहब राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालयके मुख्य व्यवस्थापक थे । मैं उनकी गिनती अत्यन्त शुद्ध-हृदय मुसलमानोंमें करता हूँ । वे जितने धर्माभिमानी हैं उतने ही देशाभिमानी भी हैं । वे स्वयं एक रईस खानदान के हैं । बैरिस्टरके रूपमें उनका वैभव विपुल था । आज वे धर्म और देशकी खातिर फकीर बन गये हैं । उनको भी सरकार-ने जेल भेज दिया है इसका तार मुझे अभी-अभी उनकी बेगमकी ओरसे मिला है । उनका नाम खुर्शीद बेगम है । वे लिखती हैं : "आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मेरे पतिको सरकारने गिरफ्तार कर लिया है । अब विश्वविद्यालयको मैं चलाऊँगी ।" मुझे जब यह तार मिला तब मेरा खून सवा सेर बढ़ गया; क्योंकि जहाँ एक ओर ख्वाजा साहबकी पाक कुर्बानी है वहाँ दूसरी ओर उनकी बेगमकी बहादुरी और धीरज है । जहाँ ऐसी बात हो वहाँ स्वराज्यको कौन रोक सकता है ? खुर्शीद बेगमको अपना काम चलाने में तनिक भी अड़चन नहीं होगी । विश्वविद्यालयके वीर और शुद्ध हृदय विद्यार्थी खुर्शीद बेगमके आसपास इकट्ठे हो जायेंगे और सम्भव है कि जो काम वे ख्वाजा साहबकी खातिर न करते, उसे अब उनकी बेगमकी खातिर करेंगे । इसके अतिरिक्त खुर्शीद बेगम ख्वाजा साहबकी अपेक्षा इन विद्यार्थियोंको चरखेकी अधिक अच्छी तालीम देंगी ।

२२-४