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१९. तार: मौलाना अब्दुल बारीको[१]

[१६ दिसम्बर, १९२१ या उसके पश्चात्]

इस सबके लिए हमें हर तरहसे ईश्वरकी कृपाका ही अनुगृहीत होना चाहिए। आशा है आप स्वस्थ होंगे।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ७७२४) की फोटो-नकलसे।

२०. तार: सी॰ विजयराघवाचार्यको

[१६ दिसम्बर, १९२१ या उसके पश्चात्][२]

आचार्य[३]
सेलम

आपको वहाँकी स्थिति खूब समझकर ही आनेका निर्णय करना चाहिए।[४]

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ७७२८) की फोटो-नकलसे।

  1. १८३८-१९२६; लखनऊके राष्ट्रीय मुसलमान नेता, जिन्होंने खिलाफत आन्दोलनमें सक्रिय भाग लिया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके अध्यक्ष, १९२१। यह तार मौलाना अब्दुल बारीके १६ दिसम्बर, १९२१ के तारके जवाब में भेजा गया था। तार इस प्रकार था: "आज हैदराबादसे वापस आया हूँ। मौलवी सलामतउल्ला तथा अपने अन्य बहुत प्यारे हिन्दू-मुसलमान दोस्तोंकी अजेय भावना देखकर मैं बहुत ही खुश हुआ। उनकी गिरफ्तारीपर मैं आपको बधाई देता हूँ। लखनऊ और इलाहाबादके नागरिकों के धीरज, उनकी सहनशक्ति, अनुशासन, अमलकी एकता और कांग्रेसके हुक्मको पाबन्दीके लिए हमें उनपर गर्व है। लखनऊ और इलाहाबाद दोनों जगह हड़तालका सही ब्यौरा यह है कि वह मुकम्मिल थी और पूरी तरह अहिंसात्मक भी। अभी-अभी पण्डित मोतीलालजी, मौलाना सलामतउल्ला और उनके साथियोंसे जेलमें मुलाकात की है। सभी बहुत खुश हैं। अभी-अभी आपके बेटेकी गिरफ्तारीकी बात सुनी। हार्दिक बधाई। आसार अच्छे हैं।"
  2. यह तार १५ दिसम्बरके विजयराघवाचार्थके उस तारके जवाब में दिया गया था जो गांधीजीको १६ को मिला था और इस प्रकार था: "कृपया तारसे सूचित कीजिए कि क्या २४ को मेरे वहाँ पहुँचनेसे काम चलेगा और यदि आपका विचार है कि इससे पहले मेरी उपस्थिति वहाँ नितान्त आवश्यक है तो बहुत ही असुविधाजनक होगा।"
  3. १८५२-१९४३; प्रमुख वकील और सक्रिय कांग्रेसी; १९२० में नागपुर कांग्रेस अधिवेशनके अध्यक्ष।
  4. अनुमानतः अहमदाबादके कांग्रेस अधिवेशनमें शामिल होनेके लिए।