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११. तार[१]

[१५ दिसम्बर, १९२१ के लगभग][२]

असहयोगी पूरी तरहसे प्रतिरक्षात्मक भर हैं। जबतक सरकार पश्चात्ताप न करे तथा जनमतकी सर्वोच्चता न माने किसी भी सम्मेलनसे लाभ नहीं हो सकता।

गांधी

[अंग्रेजीसे]
सेवेन मंथ्स विद महात्मा गांधी

१२. तार: राजेन्द्रप्रसादको[३]

[१५ दिसम्बर, १९२१ या उसके पश्चात्]

राजेन्द्रप्रसाद[४]
छपरा

अवश्य भरती हो जाइये पर विश्वस्त युवकोंको निर्देश देकर ताकि अहिंसाका उल्लंघन न होने पाये।

गांधी

अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ७७२६) की फोटो-नकल से।

  1. यह तार जबलपुरके एक जमींदारके तारके उत्तर में भेजा गया था जो इस प्रकार था: "स्थिति अत्यन्त गम्भीर। दोनों ही पक्ष बराबर दृढ़। अवांछनीय घटनाएँ होना असम्भव नहीं। आपकी जिम्मेदारी अत्यधिक। गोलमेज परिषद् करना ठीक होगा। वाइसरायसे भी सुनवाईकी प्रार्थना की गई है।"
  2. मूल स्रोतसे।
  3. यह तार राजेन्द्रप्रसादके १५ दिसम्बर, १९२१ को मिले तारके उत्तरमें भेजा गया था। तार इस प्रकार था: "सरकारने स्वयंसेवक दलको अवैध घोषित कर दिया है। शफी, जनकधारी तथा ५० अन्य घोषणाकी अवहेलना करनेपर गिरफ्तार कर लिये गये हैं, हमारा सुझाव है कि हक, ब्रजकिशोर, दीपनन्दन तथा मैं इसमें भरती हो जायें। तार द्वारा छपरा हिदायत भेजें।
  4. १८८४-१९६३; राजनीतिज्ञ तथा विद्वान्; भारतके प्रथम राष्ट्रपति।