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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कृष्णकान्त मालवीय, चन्द्रकान्त मालवीय और गोविन्द मालवीयको दण्ड विधि संशोधन अधिनियम के अधीन सौ-सौ रुपये का जुर्माना; बादमें इन्हें छोड़ दिया गया।

२२ दिसम्बर : 'इंडिपेंडेंट 'का प्रथम हस्तलिखित अंक प्रकाशित हुआ ।

२३ दिसम्बर : गांधीजी अहमदाबादमें हुई कार्य समितिकी बैठक में शामिल हुए।

उसमें मनोनीत अध्यक्ष देशबन्धु दासकी अनुपस्थितिमें आगामी कांग्रेस अधिवेशनके लिए हकीम अजमलखाँको अध्यक्ष चुना गया ।

२४ दिसम्बर : 'इंडिपेंडेंट 'का हस्तलिखित अंक प्रकाशित करने के लिए महादेव देसाईको एक सालकी कड़ी कैद की सजा । वाइसराय के २१ दिसम्बर के भाषण के सम्बन्ध में एसोसिएटेड प्रेस के प्रतिनिधिसे हुई भेंट के दौरान गांधीजीने कहा कि "सरकारको एक वैध, अनुशासित, दृढ़ परन्तु सर्वथा अहिंसात्मक आन्दोलनके विरुद्ध अपनी आक्रामक कार्रवाइयाँ बन्द करनी चाहिए; सार्वजनिक सभाएँ करने और संस्थाएँ कायम करनेके अधिकारके बारेमें समझौते की कोई गुंजाइश नहीं। हम अपने इसी अधिकारके लिए लड़ रहे हैं।

२५ दिसम्बर : अहमदाबादमें विषय समितिको बैठकमें कांग्रेस स्वयंसेवक दलने सविनय अवज्ञा आदिसे सम्बन्धित प्रस्ताव पेश किया ।

२७ दिसम्बर : विषय समिति की बैठक में भाषण । अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस- का ३६वाँ खुला अधिवेशन प्रारम्भ हुआ; गांधीजी उसमें शामिल हुए। गांधीजीने खिलाफत सम्मेलनमें भाग लिया ।

२८ दिसम्बर : विषय समितिकी बैठक में प्रस्तावित गोलमेज सम्मेलन के सम्बन्धमें भाषण । खुले अधिवेशनमें अहिंसात्मक असहयोगपर प्रस्ताव पेश किया। इसरत मोहानी के पूर्ण स्वराज्य सम्बन्धी प्रस्तावपर भी भाषण दिया ।

२९ दिसम्बर : बंगालसे आये प्रतिनिधियोंसे बातचीत की। असहयोगी कैदियोंको जेलकी मर्यादाका पालन किस प्रकार करना चाहिए इस विषयपर एक लेख 'यंग इंडिया' में लिखा ।

३० दिसम्बर : संयुक्त प्रान्तके कांग्रेसी नेताओंसे बातचीत । मुस्लिम लीग के अधिवेशनमें भाग लिया ।

३१ दिसम्बर : गांधीजी गुजरात विद्यापीठमें पॉल रिचर्डका भाषण सुनने गये; स्वयं भी भाषण दिया ।

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४ जनवरी : ' सवेंट' के सम्पादक श्यामसुन्दर चक्रवर्तीको अदालतकी मान हानिके अप- राधमें ३ मासकी सादी कैद की सजा ।

५ जनवरी : 'यंग इंडिया' में लिखते हुए गांधीजीने भाषण और गोष्ठीकी स्वतन्त्रताका अधिकार प्राप्त करने के प्रयत्नको देशके लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण माना ।

७ जनवरी : लाजपतराय और सन्तानम्‌को एक-एक सालकी कड़ी कैदकी सजा दी गई ।

८ जनवरी : 'नवजीवन' में गांधीजीने खिलाफत परिषद् और मुस्लिम लीग सम्मेलन- पर विवेचन किया तथा हिन्दू-मुस्लिम एकताको मजबूत करनेके उपाय सुझाये ।