पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 22.pdf/५४६

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५२२
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

  श्रीमती नायडूने अपने इन आरोपोंको बिना विलम्ब किये दोहरा दिया है। वीर केशव मेनन तथा अन्य बहुतसे लोगोंने आगे बढ़कर उनके वक्तव्यका समर्थन किया है । श्री टी० प्रकाशम्ने उस लड़केका चित्र छाप दिया है जिसके हाथ निर्दयतापूर्वक काट दिये गये थे । श्रीमती नायडूने सरकारको यह चुनौती दी है कि वह या तो उनपर मुकदमा चलाये, या उनसे माफी माँगे, या बिना किसी शर्त के उन आरोपोंकी जाँच के लिए एक निष्पक्ष गैर-सरकारी आयोग नियुक्त करे । भारतको मद्रासकी बहादुर सरकारके जवाबका इन्तजार है । मुझे इस बातपर आश्चर्य है कि लॉर्ड विलिंग्डनने उचित शालीनता नहीं दिखाई। उन्हें व्यक्तिगत रूपसे श्रीमती नायडूसे यह पूछना चाहिए था कि उन्होंने वे आरोप कहीं असावधानी में तो नहीं लगाये हैं, और यदि ऐसा नहीं है तो क्या वे उन्हें सिद्ध करनेमें सरकारकी सहायता कर सकती हैं। क्या अंग्रेज अभिजातवर्ग क्रोधोन्मादमें अपनी परम्परागत उदारताको भी भुला बैठा है ? भारतकी इस अत्यन्त सम्मानित बेटीने जनताके पक्षमें आवाज उठानेका साहस दिखाया है, तो इसलिए क्या सरकारको उनका अपमान करना ही चाहिए? मैं चाहता हूँ कि लॉर्ड विलिंग्डन भी जनोचित क्षमायाचना करें और सो भी खूबसूरती के साथ। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूँ कि सरकारने जो प्रतिष्ठा गँवाई है इस सौजन्यके फलस्वरूप उसमें से कुछ तो उसे अवश्य ही पुनः प्राप्त हो जायेगी । इससे संघर्षपर अच्छा या बुरा कोई असर नहीं पड़नेवाला है। सरकार की यह शालीनता तपे तवेपर एक बूंद ही होगी ।

राजपूताना भील

राजपूताने के भील सीधे-सादे और बहादुर लोग हैं। उनकी कुछ शिकायतें हैं । मोतीलाल तेजावतके रूपमें उन्हें एक मित्र और सहायक मिल गया है । यह कहा जाता है कि वह उन्हें शराब, जुआ और मांस छोड़ने तथा नियमित और मेहनती जीवन बिताने की प्रेरणा देता रहा है । वह उन्हें उनकी शिकायतोंको रफा कराने के बारेमें भी सलाह-मशविरा देता आया है। बस मुझे उसमें एक ही दोष दिखाई दिया है, वह यह कि वह जहाँ भी जाता है उसके साथ उसके अनुयायियोंका एक बड़ा दल रहता है। इससे रियासतोंमें घबराहट पैदा हो गई है। मोतीलालके बारेमें तरह-तरहकी बातें सुनने के बाद, मैंने श्री मणिलाल कोठारीसे छानबीन करनेको कहा। उन्होंने सम्बन्धित रियासतोंकी अनुमति और सहायतासे वैसा किया और भीलोंने उन्हें यह यकीन दिलाया है कि उनका इरादा किसी तरहकी शरारत करनेका नहीं है । वे मोतीलालसे भी मिले हैं। उसने श्री कोठारीको विश्वास दिलाया है कि उसके उद्देश्य शान्तिपूर्ण हैं । परन्तु दुर्भाग्यसे इस बीच यह खबर मिली है कि ईडर रियासतने भीलोंके खिलाफ कार्यवाही की है और उनमें से चारको मार डाला है । मेरे पास पूरा ब्योरा नहीं है और न मुझे यही मालूम है कि यह काम किसलिए किया गया है। मैं केवल यही आशा कर सकता हूँ कि भीलोंकी शिकायतोंको दूर करने के लिए वे एक पंच न्यायालय नियुक्त कर दें और मोतीलाल, यदि पहाड़ियोंसे बाहर निकल कर आत्म-समर्पण कर दे, तो उसे माफ कर दिया जाये । रियासतों और सुधारकोंने भीलोंकी ओर