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टिप्पणियाँ


जिम्मेवारीपर अपने ढंगके अनुसार, वह बेशक आगे बढ़ सकता है। कांग्रेस यदि उसके इस साहसको निन्दनीय बताये, तो उसके लिए उसे तैयार रहना चाहिए। मेरी रायमें तो प्रजासत्ताकी भावनाका यही तकाजा है । यह पूर्वोक्त उदाहरण कौटुम्बिक सविनय अवज्ञाका है । इसीके अनुसार चलकर हम इस झूठी मूर्ति-पूजासे बच सकते हैं ।

खिलाफत समितियोंसे अनुरोध

बहुत-से क्षेत्रोंसे मेरे पास बराबर ये शिकायतें आ रही हैं कि स्वयंसेवकों के लिए कांग्रेसका जो प्रतिज्ञापत्र है, खिलाफत सदस्य उसका पालन नहीं कर रहे हैं और वे उसपर धर्म-सम्बन्धी एतराज उठाते हैं । मैं यह बता देना चाहता हूँ कि प्रख्यात उलेमाओंने कांग्रेस में सभी धार्मिक आपत्तियोंपर विचार कर लिया था, और प्रतिज्ञापत्र उनकी सलाहसे तैयार किया गया था। इसलिए मैं खिलाफत समितियोंसे यह अनुरोध करूँगा कि वे कांग्रेसको अपना पूरा सहयोग दें । वस्तुतः किसी भी खिला- फत समितिसे सम्बन्ध रखनेवाले प्रत्येक मुसलमानको चाहिए कि वह कांग्रेससे भी सम्बन्ध रखना अपना कर्त्तव्य माने । राष्ट्रीय संगठन केवल एक ही हो सकता है। वह संगठन कांग्रेस है, और मुसलमानोंको उसे उसी तरह अपनाना चाहिए जिस तरह हिन्दुओंने उसे अपनाया है। हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रदर्शन के लिए कमसे कम इतना तो किया ही जाना चाहिए।

खद्दर अनिवार्य है

मुझे यह देखकर दुःख हुआ कि जमीयत-उल-उलेमाने[१]कार्य समिति के पास स्वयंसेवकों के लिए जो प्रतिज्ञापत्र भेजा है वह बहुत ही असन्तोषजनक है। इस प्रतिज्ञापत्र में खद्दरके व्यक्तिगत उपयोगपर जोर नहीं दिया गया है। प्रत्येक शर्त कांग्रेस प्रतिज्ञापत्रका अभिन्न अंग है और में उसे उतना ही आवश्यक मानता हूँ जितना कि हिन्दू-मुस्लिम एकताको । एकताके भंग होनेसे स्वराज्य भंग हो जायेगा । खद्दरको छोड़ देनेसे जनताको आर्थिक और नैतिक अधःपतनसे उबारना असम्भव होगा। यदि आप अहिंसा प्रेमी हैं तो आपको जातियोंकी एकता और भारत के छः करोड़ घरोंमें चरखेकी पुनः प्रतिष्ठा के द्वारा सरकारसे लड़नेके लिए आवश्यक शक्ति प्राप्त होगी । मैं खुशीसे यह माने लेता हूँ कि आप सरकारसे, एकता और चरखेके बिना भी, शस्त्रोंकी सहायता से आसानी के साथ लड़ सकते हैं। पर उसका परिणाम स्वराज्य नहीं होगा बल्कि एक लुटेरेका स्थान उससे बड़ा लुटेरा ले लेगा और जनता इन दोनों के बीच और भी ज्यादा पिसेगी। मैं हिन्दुओं और मुसलमानोंसे, जिन्हें हिन्दु- स्तान से मोहब्बत है, कहता हूँ कि वे आयें और इस तरह की सम्भावना के खिलाफ जानकी बाजी लगाकर भी संघर्ष करें। इसलिए मेरा जमीयतसे यह अनुरोध है कि वह कार्य समितिकी प्रार्थनाओंको तुरन्त अमल में लाये । खिलाफत कमेटियोंसे कांग्रेस संगठनोंको, कुल मिलाकर भारी शक्ति और सहायता मिलती रही है । समयके साथ-

  1. मुसलमानोंकी धार्मिक संस्था ।