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भेंट : पत्र - प्रतिनिधियोंसे

हमारा पूरा-पूरा अधिकार हो जाये और वे केन्द्रीय संस्थाके आदेशोंका किस हदतक पालन करते हैं यह भी मालूम हो जाये । प्रान्तीय कांग्रेस कमेटियोंने जिस शालीनताके साथ कार्यकारिणी के निश्चयोंका पालन किया है उससे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रति उनकी निष्ठा प्रकट होती है । अगर इस समय प्रान्तीय स्वायत्ताधिकार पुनः न दे दिया जाता तो प्रान्तीय कमेटियाँ और कार्यकर्त्तागण खिन्न हो जाते। यह भी नहीं कहा जा सकता कि अगर प्रान्तीय कांग्रेस कमेटियोंको काम करनेकी पूरी स्वाधीनता न होती तो चौरीचौराकी घटना घटित न होती । यद्यपि कांग्रेस ऐसा मानती है कि चौरीचौरा में भीड़के कृत्योंके सम्बन्धमें की गई भर्त्सना अनुचित रूपसे कठोर है, तथापि जनताके दृष्टिकोणसे कहा जा सकता है कि उक्त काण्डके लिए कांग्रेस संस्थाएँ और सरकार समान रूपसे उत्तरदायी है । अर्थात् सरकारने ऐसे नेताओंको जिनकी अहिंसा- भक्ति और कांग्रेस कार्यके संचालनकी योग्यता सर्वविदित थी, गिरफ्तार करके कार्यक्षेत्रसे हटा दिया और जनता जितना सह सकती थी उसपर उससे अधिक बोझ डाल दिया। ऐसी हालत में मोटे तौरपर देखते हुए ऐसे भीषण काण्डोंका हो जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं मानी जा सकती । फिर गोरखपुर या भारतमें ही उत्तेजनाके अतिरेक में जनताके पागल हो जानेकी घटना अनोखी नहीं है, दुनियाके सभी भागों- में ऐसा होता आया है। फिर भी कांग्रेस इस घटनाकी निन्दा करती है, इसका कारण यह है कि उसने अहिंसाकी प्रतिज्ञा ले रखी है ।

यह देखते हुए कि कांग्रेस द्वारा निश्चित की हुई शर्तोंका अब अधिक निष्ठासे पालन किया जा रहा है, क्या आप बतला सकते हैं कि स्वराज्य प्राप्ति में और कितना समय लगेगा ?

समय के सम्बन्धमें भविष्यवाणी करना बहुत कठिन है ।कारण यह है कि कुछ बातें ऐसी हैं जो भविष्यवाणीके लिए उत्साहित करती हैं परन्तु दूसरी ओर ऐसी बातें भी देखने में आती हैं जिनके कारण सुदूर भविष्यमें भी कोई तिथि निर्धारित कर सकनेका साहस नहीं होता ।

क्या आपने कभी अपनी तानाशाहीका उपयोग किया है ?

कभी नहीं । नियमानुसार उसका उपयोग जहाँ किया जा सकता है वैसा कोई वैध अवसर नहीं आया। उसका उपयोग तभी हो सकता है जब कांग्रेस संस्थाएँ सर- कारके जुल्मके कारण अपंग बन जायें ।

मान लीजिए कि आप गिरफ्तार कर लिये गये, तो क्या उस समयके लिए आप किसीको अपना उत्तराधिकारी मनोनीत करेंगे ?

नहीं। मुझे किसीको नामजद करनेका कोई अधिकार नहीं है। चूंकि कांग्रेसकी संस्थाएँ काम करने लायक बनी हुई हैं इसलिए वैसी सत्ता धारण करना असंगत है ।

[ अंग्रेजीसे ]
अमृतबाजार पत्रिका, १-३-१९२२