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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


जितनी बातें मनवा सके हैं, उनसे पाठकके मनपर यही छाप पड़ती है कि उनकी स्वीकारोक्तिकी सतह के नीचे कुछ और भी सचाई छिपी हुई है जिसे प्रकट नहीं किया गया है। एक बात और भी देखनी चाहिए कि किसी मजिस्ट्रेटको साथ लिए बिना, घुड़सवार पुलिसका दस्तेकी शक्लमें निकलना निषिद्ध है, फिर भी अफसर और सवारोंने ऐसा किया। इस बातकी अभीतक कोई सफाई नहीं दी गई है कि अफसर अपने सवारोंके साथ आखिर गाँवों में से क्यों निकला, और न यही बताया गया है कि अनुशासन तोड़ने के लिए, जैसा कि सरकारको बाध्य होकर स्वीकार करना पड़ा है, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। यह बात भी ध्यानमें रखनी चाहिए कि गाँव- वालोंने ऐसा कुछ नहीं किया था, जिससे लूटका यह अभियान उचित ठहराया जा सकता हो । जैसा कि बयानके सारांशमें माना गया है, "बैकुंठपुर फैक्टरीके मैनेजर, श्री मैकिननसे यह खबर मिलनेपर कि कुछ गाँवोंमें बहुत ही गड़बड़ है, सशस्त्र पुलिसके सवारोंने पिपरिया आदि गाँवोंमें से मार्च किया ।" चम्पारनके देहातियोंके लिए इन मार्चों का क्या अर्थ है, यह मैं जानता हूँ । मैं इस बात के लिए बहुत ही उत्सुक हूँ कि कोई मुझे यह यकीन करा दे कि अफसरशाही अभी पतनकी उस स्थितितक नहीं पहुँची है जो कि आम खबरोंसे जाहिर होती है और जो सरकारको न चाहते हुए भी आंशिक या पूर्ण रूपसे स्वीकार करनी पड़ी है। किन्तु मुझे खेद है कि इस दिशा में मेरे सारे प्रयास अभीतक निष्फल ही रहे हैं ।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया,२३-२-१९२२

१९३. प्रस्ताव : अ० भा० कां० कमेटीको बैठकमें[१]

२५ फरवरी, १९२२

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीकी जो बैठक ११ और १२ फरवरीको बारडोलीमें हुई थी उसमें कार्य समिति द्वारा पास किये गये प्रस्तावोंपर ध्यानसे विचार करने के उपरान्त उन प्रस्तावोंकी उसमें सम्मिलित किये गये संशोधनोंके साथ पुष्टि करती है[२]और निश्चय करती है कि कुछ स्थानोंमें या कुछ कानूनोंके सम्बन्धमें वैयक्तिक सविनय अवज्ञा, चाहे वह प्रतिरक्षात्मक हो या आक्रामक, सम्बद्ध प्रान्तीय समितिके कहनेपर या उसकी अनुमति प्राप्त हो जानेपर शुरू की जा सकती है; बशर्ते कि ऐसी सविनय अवज्ञाकी अनुमति तबतक नहीं दी जायेगी जबतक कांग्रेस या अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी या कार्य समिति द्वारा निश्चित की गई सभी शर्तोंका पूरा-पूरा अमल नहीं होता ।

 
  1. यह बैठक दिल्लीमें हुई थी ।
  2. देखिए “ प्रस्ताव : बारडोली कार्य समितिके", १२-२-१९२२ की पाद-टिप्पणियाँ ।