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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

टिप्पणी (२) : कार्यकर्त्तागण ध्यान रखें कि कोई भी व्यक्ति वार्षिक चन्दा दिये बिना बाकायदा कांग्रेसी नहीं माना जा सकता। इसलिए सभी पुराने सदस्योंको फिरसे अपने नाम दर्ज करवाने की सलाह दी जाती है ।

२. चरखेका प्रचार करें और हाथकते सूतको करघेपर बुनवाकर खद्दरके उत्पादनकी व्यवस्था करें ।[१]

टिप्पणी : इस उद्देश्यकी पूर्ति के लिए सभी कार्यकर्त्ताओं और पदाधिकारियोंको खद्दर पहनना चाहिए, साथ ही सुझाव दिया जाता है कि औरोंको प्रोत्साहन देनेके खयालसे उन्हें खुद [ हाथसे ] सूत कातना सीखना चाहिए ।

३. राष्ट्रीय स्कूलोंका संगठन करें ।

टिप्पणी : सरकारी स्कूलोंपर धरना न दिया जाये, बल्कि विद्यार्थियोंके राष्ट्रीय स्कूलों में अपने-आप आनेका आधार हो[२]- उनका महत्त्वपूर्ण बातोंमें सरकारी स्कूलोंकी अपेक्षा अच्छा होना ।

४. दलित वर्गीका संगठन करें ताकि उनका जीवन बेहतर बन सके; उनकी सामाजिक, मानसिक और नैतिक स्थिति सुधारें, उन्हें अपने बच्चोंको राष्ट्रीय शालाओं में भेजने के लिए राजी करें और उनके लिए वे साधारण सुविधाएँ प्रस्तुत करें जो अन्य नागरिकोंको प्राप्त हैं ।

टिप्पणी : इसलिए जहाँ अब भी अछूतोंके प्रति पूर्वाग्रह दृढ़ हैं, कांग्रेस-कोषसे पृथक स्कूल और कुँए मुहैया किये जाने चाहिए । ऐसे बच्चोंको राष्ट्रीय स्कूलोंमें लानेके लिए जो कुछ सम्भव है, करना चाहिए और लोगोंको राजी करना चाहिए कि वे अछूतोंको सामान्य कुँए इस्तेमाल करनेकी अनुमति दें ।

५. जिन लोगोंको शराब पीनेकी आदत पड़ गई है उनसे उनके घर जाकर मद्यपान न करने के लिए कहना चाहिए और इस प्रकार नशाबन्दी आन्दोलनको संगठित करना चाहिए। मानना चाहिए कि शराबी लोगोंको उनके घर जाकर समझाना-बुझाना धरना देनेकी अपेक्षा अधिक अच्छा है ।

६. सभी झगड़ोंके आपसी निपटारे के लिए गाँव और नगर पंचायतोंका संगठन करना चाहिए; जनमतकी शक्तिपर और पंचोंके निर्णयकी यथार्थतापर पूरी तरह भरोसा रखना चाहिए ताकि उनके आदेशोंका पालन हो ।

टिप्पणी : जो लोग पंचायतका फैसला न मानें उनका किसी प्रकारका सामाजिक बहिष्कार नहीं करना चाहिए। ऐसा भासिततक न होने पाये कि किसी प्रकार- का दबाव डाला जा रहा है ।

७. सभी वर्गों और जातियोंमें एकता बढ़ाना, उसका महत्त्व समझाना तथा पारस्परिक सद्भाव बढ़ाना असहयोग आन्दोलनका उद्देश्य है, इस दृष्टिसे एक समाज-

 
  1. अ० भा० कां० कमेटीके प्रस्ताव में यहाँ पर इतना और जोड़ा गया है: “और घर-घर जाकर उसके प्रयोगको लोकप्रिय बनायें । "
  2. अ० भा० कां० कमेटीके प्रस्तावमें था : “सरकारी या सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूलोंसे विद्यार्थियोंको अपनी तरफ खींचनेके लिए " ।