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१५७. भाषण : बारडोलीमें कांग्रेस कार्यकर्त्ताओंके समक्ष[१]

[ १० फरवरी, १९२२][२]

आज जो लोग यहाँ इकट्ठे हैं, उन्हें मैं देशके चुने हुए कार्यकर्त्ताओं में मानता हूँ । भारतकी वर्तमान स्थितिको आज मैं इस छोटी-सी सभामें ठीक-ठीक प्रतिबिम्बित देख पा रहा हूँ । मैंने अभी जो सुना उससे मेरा यह अनुमान दृढ़ हो गया है कि जो यहाँ मौजूद हैं उनमें से अधिकतर लोग अहिंसाका सन्देश समझने में सफल नहीं हुए हैं । इससे मुझे भरोसा हो गया है कि देशकी ज्यादातर जनता अहिंसाका सबक सीखनमें एकदम असमर्थ है। इसलिए मुझे सविनय अवज्ञा आन्दोलन तुरन्त बन्द कर देना चाहिए ।

[ अंग्रेजीसे ]
सेवन मंथ्स विद महात्मा गांधी

१५८. प्रस्ताव : बारडोली कार्य समितिके[३]

[ १२ फरवरी, १९२२]

बारडोलीमें इसी ११ और १२ तारीखोंको कांग्रेस कार्य समितिकी बैठक हुई। उसमें निम्नलिखित प्रस्ताव पास किये गये :

(१) चौरीचौरामें भीड़ द्वारा पुलिस के सिपाहियोंकी नृशंस हत्या करने और पुलिस थानेको जला देनेके अमानुषिक कृत्यकी कार्य समिति निन्दा करती है और सन्तप्त परिवारोंके प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करती है ।

  1. साधन-सूत्र के अनुसार : “... महात्माजीने सभी कार्यकर्ताओंको तथा उन सभीको जो आज बारडोलीमें मौजूद थे चौरीचौराकी भयानक घटना हो जानेपर भी सविनय अवज्ञा शुरू करना उचित है। या नहीं, इसपर बातचीत करनेके लिए बुलाया । उन्होंने प्रत्येक उपस्थित व्यक्तिसे राय मांगी। दो बच्चे भी उत्सुकतावश आ गये थे; उनसे भी महात्माजीने राय मांगी। लगभग हर छोटे-बड़े व्यक्तिने यह कहा कि.. महात्माजीने सरकारी विज्ञप्तिके उत्तरमें जिस ढंगसे पत्र लिखकर लॉर्ड रीडिंगको चुनौती दी है, उसे देखते हुए यदि पीछे कदम उठाया गया तो संसारके सामने सारे देशकी बेइज्जती होगी । केवल तीन व्यक्तियोंने इस विचारसे मतभेद व्यक्त किया...।”
  2. साधन-सूत्र में यही तारीख दी गई है ।
  3. अनुमानत: गांधीजीने इनका मसविदा तैयार किया था। ये प्रस्ताव कार्य समितिने, जिसको बैठक ११-१२ फरवरीको बारडोलीमें हुई थी, पास कर दिये और बादमें इन्हें अ० भा० कां० कमेटीने २५ फरवरीको अपना लिया । देखिए “प्रस्ताव : अ० भा० कां० कमेटीकी बैठकमें”, २५-२-१९२२ और यंग इंडिया, २-३-१९२२ ।