इससे बलियाके लोगोंको कुछ सान्त्वना मिले। बलिया-जैसे शहरोंके बलिदान इस देशको अवश्य मुक्त करेंगे। परमात्मा बलियाके लोगोंको कष्ट सहनेकी और अधिक शक्ति प्रदान करे। मेरी कामना है कि बलियाके उदाहरणसे गुजरातके लोगोंमें कष्ट सहन करनेकी और भी अधिक उत्सुकता पैदा हो ।
नवजीवन, ९-२-१९२२
१५५. तार : देवदास गांधीको
बम्बई
९ फरवरी, १९२२
कांग्रेस कार्यालय
तार मिला। सही-सही पूरा ब्योरा भेजो ।[१]लोगों को हिंसा से दूर रखो। पूरी जानकारी प्राप्त करो । कार्यकर्त्ताओंसे कहो मुझे बहुत दुःख पहुँचा है । शान्त रहो । ईश्वर सफलता देंगे। आज रात बारडोली वापस जा रहा हूँ ।
बापू
अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ७८९८ ) की फोटो - नकलसे ।
१५६. टिप्पणी : गुण्टूर में सविनय अवज्ञापर[२]
[१० फरवरी, १९२२ के पूर्व ]
यदि आन्ध्र सविनय अवज्ञा बन्द करता है, तो प्रसन्नताकी बात है । किन्तु यदि वह बन्द करनेमें असमर्थ है तो मुझे बुरा नहीं लगेगा परन्तु उसी सूरतमें जब हिंसा की प्रवृत्तियोंपर पूरा नियन्त्रण प्राप्त कर लिया जाये और सब शर्तोंका पालन हो ।
मो० क० गांधी
आन्ध्र गवर्नमेंट रेकर्ड्स