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खोजा भाइयों और बहनोंसे

जाने को तैयार है इससे इतनी बात तो सुनिश्चित हो ही जाती है कि जेल- जीवन के दौरान वह अपनी वकालत मुल्तवी रखेगा। असहयोग सम्बन्धी प्रस्तावमें वकालतको स्वराज्य मिलने तक मुल्तवी रखनेकी बात है, जो शायद वकील नहीं कर पायेंगे, पर शायद प्रतिज्ञा पत्रपर हस्ताक्षर करनेके बाद जेल जानेपर वे वकालत बन्द होने के खतरेकी परवाह न करें। पहली सूरतमें तो वकालत छोड़ना बिलकुल निश्चित है और दूसरीमें उसकी सम्भावना है, काफी दूरकी सम्भावना, यदि अधिक संख्या में लोग वैसी प्रतिज्ञा कर लें । वकीलोंके प्रतिज्ञा पत्रपर हस्ताक्षर करने में बहुत बड़ा लाभ है । वे इस प्रकार हमारे ध्येयके प्रति खुले तौरपर अपनी सहानुभूति प्रकट करते हैं, भले ही एक सीमित अर्थ में ही सही; और साथ ही वे निश्चित रूपसे स्वदेशीके ध्येयको आगे बढ़ाते हैं । मैं इसे बहुत महत्त्वपूर्ण समझता हूँ कि वकील लोग अपने सर्वथा अनावश्यक विदेशी वस्त्रों और विदेशी ढंगके सिले वस्त्रोंका परित्याग करके खद्दरकी वेश-भूषा अपनायें और इस तरह देशकी जनताकी नई भावनाके साथ अपने- आपको एकाकार कर दें । कपड़ा ऊनी हो या रेशमी या सूती, यदि हाथका कता और हाथका बुना हुआ है तो वह खद्दर है । पर आशा यही की जाती है कि जबतक जलवायु या अन्य किसी तात्कालिक आवश्यकताके कारण जरूरी न हो जाये, तबतक लोग रेशमी या ऊनी खद्दर इस्तेमाल नहीं ही करेंगे। डा० रायने[१]ठीक ही कहा[२]है कि फैशन तो असलमें मोटा खुरदरा खद्दर पहनने का ही होना चाहिए। मैं पहले भी कह चुका हूँ और अब फिर कह दूं कि देखने में मोटा-खुरदरा खद्दर, पहनने में रेशमी टसर की तरह मुलायम रहता है और मुलायम दिखनेवाले खद्दरके मुकाबले चमड़ीकी हिफाजत कहीं ज्यादा करता है।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, २-२-१९२२

१३१. खोजा भाइयों और बहनोंसे

एक मुसलमान भाईने मुझे एक लम्बा पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने खोजा[३]है लोगों में स्वदेशीका प्रचार बहुत कम होनेका उल्लेख किया है । मैं इसमें से नीचेका अंश उद्धृत करता हूँ :[४]

मैंने खोजा लोगों के लिए कोई विशेष सन्देश अभीतक नहीं दिया है, क्योंकि उसका कोई अवसर नहीं आया था । हम स्वदेश और स्वधर्मकी इस लड़ाईमें ढाई

  1. डॉ० प्रफुल्लचन्द्र राय ।
  2. सतीशचन्द्र दासगुप्तकी पुस्तिका चरखाकी प्रस्तावनामें ।
  3. बम्बई और गुजरातमें बसा हुआ मुसलमानोंका एक सम्प्रदाय।
  4. इस पत्रका अनुवाद यहाँ नहीं दिया गया है। पत्र लेखकने गांधीजीसे अनुरोध किया था कि वे ढाई लाख खोजा लोगोंके नाम एक विशिष्ट सन्देश प्रकाशित करें और उसके द्वारा उन्हें खादी और चरखेको अपनानेके लिए राजी करें ।