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नहीं होगी, बल्कि वास्तवमें गौरवका अनुभव होगा। वे मेरा और देशका नाम बढ़ा- येंगी । संसार उन्हें एक ऐसे परिवारका सदस्य मानेगा जो अधिकाधिक व्यक्तियोंको अपनानेके कारण उत्तरोत्तर बढ़ रहा है । पर जो स्थिति है उसमें मुझे यह दसवीं बार कहना पड़ रहा है कि मुझे किसी भी बेटीका बाप होनेका सौभाग्य प्राप्त नहीं है । हाँ, एक नन्ही-सी 'अछूत" लड़की है, जिसे मैं गर्वके साथ अपनी गोद की बेटी कहता हूँ । उससे मुझे बहुत सुख मिला है और मैं आशा करता हूँ कि बड़ी होनेपर वह अपने भावी सेवा क्षेत्र में सत्यनिष्ठा और विनयशीलताके गुणोंसे युक्त होकर उतरेगी । इस समय तो वह पक्की " शैतान" है । अभी तो उसका मन बस खेल-ही-खेल में लगता है, काममें बिलकुल नहीं। अपने माँ-बापके घरमें तो आबनूसके डंडेके भयसे सीधी रहती थी, मगर यहाँ उसे वह भय नहीं है सो कोई काम ही नहीं करती। लेकिन निठल्ली रहनेवाली यह सात सालकी प्यारी लड़की जब मुझे अपना बाप कहती है तो मुझे जरा भी बुरा नहीं लगता। कुछ बड़ी लड़कियाँ भी हैं, जिन्हें अपनी बेटियाँ मानकर मुझे सुख मिलता है और जो मुझे यह सुख प्राप्त करने देती हैं। लेकिन वे मुझसे जैसे ऊँचे स्तरकी अपेक्षा रखती हैं, उसपर कायम रहना मेरे लिए कठिन हो जाता है । उन्हें हमेशा यह खतरा बना रहता है कि उनका यह बाप कहीं उनके विश्वासके अयोग्य न निकले। परन्तु मैं भारतकी सभी लड़कियोंको यह बता देना चाहता हूँ कि उनके जबरदस्ती मेरी बेटी बननेसे मेरी जो बदनामी हो सकती है, उसकी जोखिम मैं उठाना नहीं चाहता। लेकिन मुझपर इतने ऊँचे स्तरका निर्वाह करनेका बोझ डालनेवाली जो ये लड़कियाँ हैं, जिनके नाम तक मैं दुनियाके आगे रखनेकी हिम्मत नहीं करता, उन जैसी लड़कियोंको मैं बेशक अपनी बेटी बनाना चाहता हूँ ।

लेकिन जिस लड़कीके मुझे ख़्वाहमख्वाह अपना बाप बना लेनेकी खबर आई है, उसके बारेमें मैं कहूँगा कि वह इस तरह अपना मनबहलाव ही कर रही है और उसका यह व्यवहार अपेक्षाकृत कम हानिप्रद है । मैंने सुना है कि उदयपुरके मोतीलाल पंचोली नामक एक सज्जन मेरे शिष्य होनेका दावा कर रहे हैं और राजपूतानेकी रियासतोंके देहातियोंके बीच मद्य-निषेध और न जाने किस-किस चीजका प्रचार कर रहे हैं । खबर यह है कि उनके इर्द-गिर्द हथियारबन्द प्रशंसकोंका एक जमघट रहता है और वे जहाँ भी जाते हैं वहाँ अपना कुछ ऐसा ही राज्य स्थापित कर देते हैं । वे चमत्कारी शक्तिका भी दावा करते हैं। उन्होंने और उनके प्रशंसकोंने कुछ ध्वंसात्मक कार्य किया है, ऐसी भी खबर मिली है। मैं चाहता हूँ कि लोग हमेशा के लिए यह समझ लें कि मेरा कोई शिष्य नहीं है । कमसे कम फिलहाल तो मेरा कांग्रेस और खिलाफत समितियोंसे अलग किसी तरहका कोई अस्तित्व नहीं है । मेरी सारी गतिविधि इन दो संस्थाओंसे सम्बद्ध है । कोई भी व्यक्ति मेरी ओरसे काम नहीं कर रहा है; और जबतक मैं किसीको लिखित रूपमें न दूं, तबतक किसीको मेरे नामका उपयोग करनेका अधिकार नहीं है। किसीको भी मैंने कांग्रेस या खिलाफतके कामके अलावा कोई और काम करने के लिए नहीं लिखा है । और किसीको भी मैंने किसी आदमीके खिलाफ कोई हथियार, डंडा तक इस्तेमाल करनेका अधिकार नहीं दिया है ।