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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय


बंगालका कर्त्तव्य

बंगालका कर्त्तव्य स्पष्ट है। उसे निर्वाचित अध्यक्ष तथा अन्य चुने नेताओंकी गिरफ्तारीका उपयुक्त उत्तर देना है। मौलाना अबुल कलाम आजादकी गिरफ्तारी मान्य अध्यक्षकी गिरफ्तारी के सदृश ही महत्त्वपूर्ण घटना है। मौलाना अबुल कलाम आजाद विशेषकर मुसलमानोंमें, अखिल भारतीय स्तरपर प्रतिष्ठित हैं। वे अनेक वर्षोंतक राँचीमें ही निर्वासित होकर रहे। वे एक तपःपूत सैनिक हैं। इस्लाम के आलिमोंमें उनका बड़ा ऊँचा स्थान है। उनकी गिरफ्तारीसे भारतके मुसलमानोंके हृदयोंपर गहन आघात होना ही चाहिए। बंगाल के हिन्दू और मुसलमान इसका क्या उत्तर देंगे? किसी क्रियाका उत्तर तो केवल ठीक प्रतिक्रियाके द्वारा ही दिया जा सकता है। हमें ज्ञात है कि ठीक प्रत्युत्तर क्या होना चाहिए? क्या बंगाली—हिन्दू और मुसलमान—हजारोंकी संख्या में आकर स्वयंसेवकोंके रूपमें भरती होकर गिरफ्तार होंगे? क्या बंगाल केवल खादी पहनेगा, कुछ अन्य नहीं? क्या बंगाली विद्यार्थी उनसे अपेक्षित कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा प्रचारित हृदयद्रावक अनुरोधका उत्तर देंगे?

अहिंसाकी विजय

मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि विशेष रूपसे कलकत्तेके तथा सामान्य रूपसे बंगालके हिन्दू और मुसलमान पूर्ण रूपेण शान्त रहेंगे। यदि वर्तमान शान्ति भविष्यका कोई संकेत दे सकती है तो बम्बईपर जो कलंक[१] लगा था वह लगभग पूरी तरह धुल जायेगा। बम्बई से हमने सबक ले लिया है। और अब उसे सदा याद रखा जाना चाहिए। कलकत्ताके युवकगण जो नेता बच रहे हैं उनका अनुसरण करें। वे अधीर न हों। वे अपने मस्तिष्क शान्त रखें तथा अपने हाथोंका उपयोग सूत कातनेमें करें। प्रत्येक असहयोगीका नाम स्वयंसेवकों की सूचीमें हो तथा प्रतिदिन सूची अखबारोंमें प्रकाशित की जाये जिससे सरकारको, वह जिसे चाहे उसे गिरफ्तार करनेमें सुविधा हो। बंगालकी विलक्षण भावुकता हमारे राष्ट्रीय इतिहासके इस सर्वोपरि संकटकालमें सर्वोत्तम कोटिकी शान्त और शीतल शक्तिके रूपमें परिवर्तित होनी चाहिए। कोई क्रोधोन्माद नहीं, उपद्रव नहीं, दुःसाहस नहीं। केवल अपने ध्येयके प्रति धर्ममय अनुराग तथा करो या मरो का एक निश्चित संकल्प।

समस्त कांग्रेस पदाधिकारियोंसे

मैं कांग्रेस कमेटियोंके सभी मन्त्रियोंसे अबतक हुई गिरफ्तारियों तथा गिरफ्तारशुदा लोगों व पदाधिकारियोंके स्थानपर नये पदाधिकारियोंकी नियुक्तिसे सम्बन्धित सूची आमन्त्रित करता हूँ। यदि आवश्यकता हो तो वे मुझे दैनिक घटनाक्रम भी, प्रतिदिन उसी प्रशंसनीय ढंगसे भेजें जैसे आगा सफदरने भेजा था। मैं चाहूँगा कि उक्त विवरण संक्षिप्त तथा यथार्थ रूपमें एवं कागजके एक ही ओर साफ अक्षरोंमें लिखकर भेजें जिससे मैं उन्हें आवश्यकतानुसार सरलतापूर्वक छपवा सकूँ।

  1. यहाँ स्पष्टतः संकेत १७ नवम्बर, १९२१ को युवराजके बम्बई पहुँचनेपर हुए दंगोंकी ओर है।