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टिप्पणीयाँ

अभी-अभी सुना है कि पुलिसके एक सिपाहीने एक विद्यार्थीको बुरी तरह पीटा और वह गम्भीर अवस्था में अस्पतालमें पड़ा है । अभी-अभी पण्डित रामभजदत्त उसे देखने गये हैं ।

लालाजी तथा अन्य लोगोंसे कल जेलमें भेंट की गई । सबके मन उत्साहपूर्ण हैं । उनका कोई खास खयाल नहीं रखा गया है । वे सब अलग-अलग कोठरियोंमें रखे गये हैं और जेलके भोजनपर रह रहे हैं ।

मैंने गिरधारीलालसे सुना है कि अमृतसरमें कुछ गड़बड़ हुई है । सिख शान्तिपूर्वक अपनी सार्वजनिक सभा कर रहे थे कि इतनेमें अचानक ही वहाँ कुछ साधु आ पहुँचे और अपने लोहेके डंडोंसे बुरी तरह पीटने लगे । सिख अहिंसा-पूर्ण बने रहे और उनके कुछ लोग जख्मी हो गये । साधुओंके काण्डके साथ- साथ फौज और पुलिसके साथ डिप्टी कमिश्नर आ गये । डिप्टी कमिश्नरको तो आने दिया गया, किन्तु सिख नेता ज्ञानी शेरसिंहने अधिकारियोंको दखल नहीं करने दिया और डिप्टी कमिश्नरसे कोई भी मदद लेनेसे इनकार किया । कहा जाता है कि स्थिति काबूमें है और फिर कोई हिंसाकी खबर नहीं मिली ।

...अभी-अभी खबर मिली है कि पुलिस द्वारा पीटे गए विद्यार्थीको हालत सुधर रही है ।

आगा साहबने जो सरल और सुन्दर वर्णन किया है उसमें अपनी तरफसे कुछ भी जोड़ना मैं अनावश्यक मानता हूँ । मैंने दोनों पत्रोंमें एक भी शब्द नहीं बदला है । मैं लालाजी और उनके साथियोंको सादर प्रणाम करता हूँ जिन्होंने मुकदमेकी सुनवाई के दौरान भी जेलके खानेके अलावा कुछ और लेना अस्वीकार किया । मैं सरदार प्रेमसिंह सोधवंशको बधाई देता हूँ जिन्होंने मजिस्ट्रेटके आदेशकी अवज्ञा करते हुए पुलिसकी उत्तेजनात्मक मौजूदगीके बावजूद इतनी शान्ति और प्रतिष्ठाके साथ सभाका संचालन किया । मैं उस स्वयंसेवकको भी बधाई देता हूँ जिसका सिर फूटा । अमृतसरकी गम्भीर घटनाका विस्तृत ब्योरा मिलनेपर उसके सम्बन्धमें फिरसे लिखूँगा । इसमें जरा भी सन्देह नहीं कि सिखोंने अद्भुत साहस और संयमसे काम लिया है । जब लड़ाकू जातिके लोग अहिंसात्मक बन जायें, तो वे सर्वोच्च प्रकारके साहसका परिचय देते हैं । इतिहास इस बातका साक्षी है कि सिखोंने पहले भी ऐसा साहस दिखाया है । वे इन दिनों स्वयं अपने इतिहासकी पुनरावृत्ति कर रहे हैं । मुझे आशा है और मेरी प्रार्थना है कि वे सरदार खड़गसिंहके आदेशों का पालन करते हुए अन्ततक अहिंसात्मक बने रहेंगे और रहन-सहनमें सादगी अपनायेंगे तथा केवल खादी पहनेंगे ।

सभापतिकी अनुपस्थितिमें

हमारे मनोनीत सभापतिकी गिरफ्तारीसे हमें विचलित होनेकी जरूरत नहीं है । वे शरीरसे न सही मनसे हमारे बीच उपस्थित ही हैं । देशके नाम उनके सन्देशसे तो हम

१. पंजाबके एक कांग्रेसी नेता ।