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१०४. खतरेसे भरपूर

झज्जर, रोहतक जिलेमें इसी नामकी तहसीलका सदरमुकाम है। उसकी आबादी करीब ११,००० की है। यहाँ एक नगरपालिका है जिसके चार मनोनीत और आठ निर्वाचित सदस्य हैं। अध्यक्ष निर्वाचित होता है। फिर भी यह नगरपालिका लोकप्रिय कार्योंसे कोई सहानुभूति नहीं रखती थी। इसलिए स्थानीय कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओंने, चाहे इसे गलत कहिए या सही, जिला कांग्रेस कमेटीकी अनुमति बिना ही, नगरपालिकाको यह नोटिस दे दिया कि यदि उसने १५ से २२ जनवरीके अन्दर-अन्दर अपने आपको लोकप्रिय नहीं बनाया तो कांग्रेस कमेटी टाउन हालपर कब्जा कर लेगी। नगरपालिकाने इस नोटिसपर कोई ध्यान नहीं दिया। दूसरी ओर, निर्धारित अवधिके पहले ही दिन १५ जनवरीको, डिप्टी कमिश्नरने स्थानीय प्रमुख कार्यकर्त्ता पण्डित श्रीरामपर धारा १०७ लगाकर उन्हें एक सालके लिए जेल भेज दिया। उस दिन पण्डित श्रीरामने टाउन हालमें लोकमान्य तिलकके एक चित्रका उद्घाटन किया था, जिसके लिए नगरपालिकाकी प्रार्थनापर डिप्टी कमिश्नरकी पहले ही अनुमति मिल चुकी थी। पण्डित श्रीरामको जेल हो जानेपर स्थानीय कांग्रेस कमेटीके प्रधान और स्वयंसेवकोंने १६ तारीखको टाउन हालपर कब्जा कर लिया। वहाँ स्वयंसेवकोंका बाकायदा पहरा बैठा दिया गया। स्वयंसेवकोंने कस्बेके चारों दरवाजोंपर भी कब्जा कर लिया और चुंगीके इन्तजाममें बाधा डाली। जैसे ही यह खबर रोहतक पहुँची, मैं झज्जरके लिए रवाना हो गया, क्योंकि लाला श्यामलाल वहाँ मौजूद नहीं थे। वे कांग्रेस कमेटी की एक मीटिंग में भाग लेनेके लिए फोरोजपुर झिरका गये हुए थे। लोग हिंसा पर तुले हुए हैं। रातको मैंने उन्हें अहिंसापर कायम रहनेकी सलाह दी, जिसका कुछ असर हुआ। लेकिन उनमें परिवर्तन लाने के लिए अहिंसाके एक प्रभावशाली प्रचारकको आवश्यकता है। १८ तारीखको रातके आठ बजे कस्बेके कुछ प्रतिष्ठित लोगोंने कांग्रेसी कार्यकर्त्ताओं और नगरपालिकाके सदस्योंको इकट्ठा किया और इस मामलेको मैत्रीपूर्ण ढंगसे सुलझानेकी कोशिश की। नगरपालिकाके सभी निर्वाचित सदस्य――एक अध्यक्षको छोड़कर जो कि उपस्थित नहीं थे――और दो मनोनीत सदस्य इस्तीफे देने को तैयार हो गये। यह भी निश्चय हुआ कि टाउन हाल कांग्रेसी स्वयंसेवकोंके कब्जे में रहेगा। फिर भी, इस मामलेका आखिरी फैसला आज दोपहरको होना है। स्वयंसेवक अब भी उस जगह पर पहरा दे रहे हैं। लोगोंने पंचायत करके पण्डित श्रीरामके खिलाफ गवाही देनेवाले छः व्यक्तियों――तहसीलदार, थानेदार, लम्बरदार और नगरपालिका के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मन्त्रीके सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की है।