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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

वे जेलके नियमोंका, जहाँतक कि वे अनुशासन कायम रखनेके लिए हों, पालन करें, वहाँ उन्हें अनुशासनके नामपर थोपी जानेवाली तमाम अपमानजनक प्रथाओंका, जानका खतरा उठाकर भी विरोध करना चाहिए। “सरकार सलाम”, इस वाक्यकी तरह ही अधिकारियोंके आगे अपने हाथोंकी हथेली फैलाने या झुककर बैठनेकी प्रथा है। ये बातें खतरनाक अपराधियोंके लिए आवश्यक हो सकती हैं, पर एक असहयोगीसे इस प्रकारके अपुरुषोचित प्रदर्शनोंकी आशा नहीं रखनी चाहिए।

नया चरखा

अहमदाबादकी प्रदर्शनीमें एक उन्नत चरखा दिखाया गया था जिसमें अनेक तकुए थे। यह शायद अबतक का सबसे सफल प्रयास है। परन्तु मैं जनताको इस बात की ओरसे सचेत करता हूँ कि वह क्रान्तिकारी आविष्कारोंकी प्रतीक्षामें न रहे। प्रचलित चरखा अपने ढंगकी एक मुकम्मिल चीज है। मानसिक श्रम और राष्ट्रके समयको बचानेकी दृष्टिसे, मेरा स्वदेशी-प्रेमियोंसे यह आग्रह है कि वे उन्नत चरखोंको, जिनसे पुराने चरखेकी अपेक्षा बहुत सूतके उत्पादनकी आशा की जा रही है, भूल जायें। हमें सारी शक्ति पुराने नमूने को ही ज्यादा टिकाऊ, सस्ता और सफरी बनाने में लगा देनी चाहिए।

ईसाइयोंमें जागृति

श्री एन्ड्रयूज लिखते हैं:[१]

कुछ समय पहले जब मैं श्री स्टोक्ससे सेन्ट्रल जेल में मिलनेके लिए लाहौर गया था तो कोई पन्द्रह-बीस भारतीय ईसाई छात्रोंका एक दल वहाँ मुझसे मिलने आया।...उन्होंने मुझसे खासतौरपर पूर्वी आफ्रिका और उगाण्डाकी मेरी हालकी यात्राके बारेमें पूछा। मैंने उन्हें यह बताने की कोशिश की कि यदि उनमें से कुछ लोग, रुपया कमानेके लिए नहीं बल्कि आफ्रिकियोंकी प्रेमसे सहायता करनेके लिए, मध्य आफ्रिका जा सकें तो यह बहुत ही सुन्दर रहेगा।...उनमें से दो वापस आये और मुझसे बोले, “अपने सब साथियोंकी ओरसे हम आपको यह बतानेके लिए आये हैं कि आपके पाससे जानेके बाद हमने बाहर अपनी एक संक्षिप्त अनौपचारिक सभा की थी और सर्वसम्मतिसे यह प्रस्ताव पास किया था कि आपसे यह प्रार्थना की जाये कि आप महात्मा गांधीको हमारा प्रेम-सन्देश वॅ और यह बता दें कि हमारे हृदय उनके साथ हैं।

नवयुवकोंका त्याग

नवयुवक श्री बरुआने, जो जेल चले गये हैं, मुझे नीचे लिखा लम्बा तार[२] भेजना उचित समझा है। मैं इसे सही ढंगसे काम करनेकी लगन और इच्छाके एक उदाहरण के तौरपर प्रस्तुत करता हूँ।

  1. पत्रके केवल कुछ अंश यहाँ उद्धृत किये गये हैं।
  2. तार यहाँ नहीं दिया गया है। प्रेषकने लिखा था कि उसने अपने जन्मस्थान गोलाघाटमें एक असहयोग संगठन बनाया है और चूँकि वह जेल जा रहा है, उसका अधूरा काम उसका भाई पूरा करेगा।