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९०. भूल सुधार

सम्पादक
‘यंग इंडिया’
महोदय,
आगा सफदरकी गिरफ्तारीपर मैंने आपको टिप्पणी[१] अभी-अभी देखी। आपके सम्वाददाताने कुछ बिलकुल हो गलत बातें कही हैं। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि (१) भोड़ने मजिस्ट्रेटका अपमान नहीं किया था, (२) भीड़ जेलमें नहीं घुसी थी, (३) पुलिसके अधिकारीका व्यवहार शिष्ट नहीं था। इन तीन अहम मुद्दोंपर आपकी रिपोर्ट बिलकुल गलत है। ... भविष्य में आप किसी संवाददाताका बयान छापनेसे पहले उसकी प्रामाणिकताकी जांच अवश्य कर लें।

सियालकोट, २०-१२-१९२१

भवदीय,
मंत्री,
नगर कांग्रेस कमेटी

मैं इस भूल-सुधारको सहर्ष प्रकाशित करता हूँ।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १९-१-१९२२
 

९१. मद्रासमें गुण्डागर्दी

डा० राजनने १३ तारीखको, मद्रासमें हड़तालवाले[२] दिन, एक पत्र[३] लिखा है जिसमें वे लिखते हैं:

मद्रासी हड़ताल पूर्णतया सफल रही। ऐसा लगता है जैसे पूरा शहर दिन-भरके लिए मर गया हो...लेकिन एक बड़े शहरकी हड़तालमें जो खतरे छिपे पड़े हैं, उनकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। हम इस बातपर गर्वका अनुभव कर रहे थे कि नगरके विस्फोटक भागोंपर नियन्त्रण कायम कर लिया गया है।... मैं, रामनाथन और आदिनारायण चेट्टियर खतरेके तीन-चार
  1. देखिए “टिप्पणियाँ”, १५-१२-१९२१ का उप-शीर्षक “आगा सफदरकी ओरसे”।
  2. यह हड़ताल मद्रास-आगमनपर युवराजका बहिष्कार करनेके लिए की गई थी।
  3. पत्रके केवल कुछ अंश यहाँ उद्धृत किये जा रहे हैं।