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मार्शल लॉसे भी बदतर
तथा इस्लामके मूल सिद्धान्तों में दखल देनेवाले आदेशका पालन करनेसे इनकार करते हुए अधीक्षकसे कहा कि मेरे नजदीक खुदा ही एक है और में उसीकी इबादतके वक्त हाथ उठा सकता हूँ।...उसकी इस धार्मिकताका इनाम उसे पाँच तरह की सजाओंके रूपमें दिया गया――३० कोड़े, छः महीनेकी काल कोठरी, छः महीने तक टाटके कपड़े पहनना, छः महीनेतक डंडा-बेड़ियाँ और छः महीने तक सादी बेड़ियाँ...राजनैतिक कैदियोंके प्रति यहाँ के अधिकारियोंकी मनोवृत्तिका यह केवल एक नमूना है। राजनैतिक बन्दियोंके साथ ऐसा बरताव किया जाता है मानो वे चोर-डाकुओंसे भी खराब हों।
पाठक भूले न होंगे कि पिछली जुलाईमें पुलिसने मटियारीमें निर्दोष व्यक्तियोंपर गोलियाँ चलाई थीं। उस समय एक आदमी मरा और कितने ही घायल हुए। इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा नियुक्त किये गये आयोगने जो रिपोर्ट पेश की है वह दबा दी गई है और बम्बई सरकारके सचिवालय में पड़ी है।...
हाल ही में वह [सब-इन्स्पेक्टर] जुर्माने की रकम वसूल करनेके लिए एक असहयोगीके घरमें, जो इस समय जेलमें है, घुस गया और उसने जो पर्दानशीन औरतें घर में थीं, उनसे घरका माल-मता जबरदस्ती छीन लिया। उसने मुजरिमके भाईकी औरतकी नाकसे सोनेकी नथ तक नोंच ली।

शरीर हो चाहे सम्पत्ति, पुरुष हो चाहे स्त्री――बाहर सरकारकी वक्र दृष्टिसे कोई नहीं बचा और न कारावासमें ही जीवन सुविधामय है। केवल लोगोंके शरीरको बन्धनमें डालने-भरसे सरकारकी तृप्ति नहीं हो रही है। लोगोंको तरह-तरह की यातनाएँ दिये बिना और उनका मान-भंग किये बिना उसका काम नहीं चलता।

इस प्रकार हम जिस कानूनके अन्तर्गत रह रहे हैं वह जलियाँवाला बाग काण्ड रहित मार्शल लॉ ही है; बल्कि यह उससे भी गया-बीता है। जलियाँवाला बाग-काण्ड अत्याचारपूर्ण काण्ड था, तथापि वह सरकारके इरादेका स्पष्टतम प्रदर्शन था और उससे हमें अभीष्ट धक्का भी पहुँचा था। जो कुछ था खुल्लमखुल्ला था। अब जो-कुछ हो रहा है वह कैदखानोंकी निष्ठुर दीवारोंके घरेमें अथवा सुदूर देहातों में हो रहा है और इस कारण उसका स्वरूप किसीकी आँखोंके सामने नहीं आ पाता। ऐसी हालत में हमारा साफ तौरपर यही कर्त्तव्य है कि हम मार्शल लॉ को आमन्त्रित करें, और कोई बेहूदापन बरदाश्त न करें। हम अपने भीतर बन्दूककी गोलियोंका स्वागत कर सकने योग्य साहसका विकास कर सकें और १९१९ की तरह इन्हें अपनी पीठपर नहीं बल्कि बिना किसी रोषके, खुशी-खुशी अपने सीनोंपर झेलें।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १९-१-१९२२