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सम्पूर्ण गांधी वाङ्‍मय

अनुकरण करें अर्थात् वे साहित्यिक कार्य के साथ-ही-साथ चरखा भी चलायें। मैं विश्वास दिलाता हूँ कि बीच-बीच में चरखा कातते रहनेसे लालाजीके इतिहास-लेखन तथा पण्डित सन्तानम् के संस्कृत अध्ययनमें बाधा न पहुँचेगी।

प्रस्तावित गोलमेज परिषद् के सम्बन्धमें लालाजीने जो कुछ कहा है उसकी ओर मैं उन देशसेवकों का ध्यान दिलाता हूँ जो मनुष्यकी सर्वोत्कृष्ट भावनासे प्रेरित होकर, अपने देश से प्रेम करने तथा अपनी अन्तरात्माकी पुकारके अनुसार आचरण करनेके अपराधके कारण जेल चले जानेवाले कैदियोंको छुड़ाने के उद्देश्यसे जल्दी ही कोई निपटारा करनेका प्रयत्न कर रहे हैं। हमारी प्रतिष्ठाके अनुकूल कोई निपटारा होता हो तो उसके रास्ते में हमें रोड़े न अटकाने चाहिए; पर यदि हम अपने जेल जानेवाले देशभक्तोंके शरीर-सुख के खयालसे कोई असन्तोषजनक सन्धि कर बैठेंगे तो वह उनके प्रति अन्याय करने के समान होगा। यदि हम अपनी इच्छासे निमन्त्रित कष्टोंको कम करने के लिए अनुचित रीतिसे जरा भी झुक गये तो कहना होगा कि हम देशकी मौजूदा मनःस्थितिको ठीक-ठीक नहीं समझे।

सुधार

कलकत्तासे श्रीमती उर्मिलादेवीने नीचे लिखा भूल-सुधार भेजा है जिसे मैं सहर्ष प्रकाशित करता हूँ :

मेरे साथ हुई भेंटका जो विवरण 'यंग इंडिया'में छपा है उसमें मैंने कुछ भूलें पाई हैं और ये भूलें इसलिए हुई हैं कि प्रश्नोत्तर जल्दी में हुए थे और इसलिए आपके प्रतिनिधिसे कुछ बातें छूट गयी हैं। प्रार्थना है कि आप 'यंग इंडिया'में निम्नलिखित संशोधन छाप दें :
१. इस प्रश्नके उत्तरमें कि बंगालकी वर्तमान स्थितिके बारेमें मेरा क्या विचार है, मैंने कहा था :
स्थिति अद्भुत है। बंगाल अब अपने रंगमें है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी दिल्ली में हुए पिछले अधिवेशन के दौरान में दुःखी थी क्योंकि मैंने यह महसूस किया था कि बंगाल स्वदेशीके सम्बन्ध में पूरा प्रयत्न नहीं कर रहा है और इसीलिए वह इस आन्दोलनका नेतृत्व करनेमें असमर्थ है। मेरी सदैव यह इच्छा रहती है कि बंगाल हरएक आन्दोलनमें सबसे आगे रहे। अब मुझे इसके बारेमें तनिक भी शंका नहीं रह गई है क्योंकि में अनुभव करती हूँ कि बंगाल अब आगे है।
२. इस प्रश्नके उत्तर में कि बंगाल में आन्दोलनके एकाएक जोर पकड़नेका क्या कारण है, मैंने कहा था :
सरकारका गैर-कानूनी हुक्म इसका सामान्य कारण है। महिलाओं और नेताओंकी गिरफ्तारीसे बंगालमें बहुत जोश फैला है।