पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 22.pdf/१०७

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
८३
टिप्पणियाँ

इरोडने बहुत कुछ कर दिखाया है। इसके पुरस्कार स्वरूप श्री रामस्वामी नायकरको[१] एक मासकी सादी कैद की सजा दी गई है। इस छोटेसे मुकामपर पिछले पन्द्रह दिनोंमें ३९ आदमियोंको सजाएँ दी जा चुकी हैं और अब श्रीमती नायकर तथा श्री नायकरकी बहनने धरना देनेपर कमर कसी है। दण्डविधि संशोधन अधिनियम अभी हालमें वहाँ जारी किया गया है। मद्रासके गवर्नर लॉर्ड विलिंग्डनने[२] अपनी नीतिका खुलासा कर दिया है। सर हरकोर्ट बटलरकी[३] तरह वे भी कानून और व्यवस्थाके प्रति आदरकी रक्षा करना चाहते हैं। अतएव जहाँ अभी केवल मन्द वायुके झोके आते हुए दिखाई देते हैं वहाँ गिरफ्तारियोंका खासा पूरा तूफान उमड़ पड़ना बहुत सम्भव है। श्री राजगोपालाचारी और सुब्रह्मण्य शास्त्रीके मामलेमें सम्मन जारी किये जा चुके हैं। कार्रवाई प्रायः पूरी हो चुकी हैं। श्री राजगोपालाचारीने अधिकसे-अधिक सजा चाही थी। उनके अस्वस्थ शरीरकी चिन्ताओंका भार उनके मित्रोंसे हटकर कुछ समयके लिए जेलरके सिरपर चला गया। उनकी अस्वस्थतासे उनके साथियोंको हमेशा चिन्ता बनी रहती है। जबसे असहयोगका श्रीगणेश हुआ है तबसे श्री राजगोपालाचारी भी, पण्डित मोतीलालजीकी तरह, अपने शरीरको आराम नहीं लेने देते। अब कांग्रेसके मन्त्रियोंमें अकेले डाक्टर अन्सारी ही बच रहे हैं। लेकिन मुझे इसमें सन्देह नहीं कि उन्हें भी अपनी सुयोग्य सेवाओंके प्रतिफलका इन्तजार बहुत दिनोंतक नहीं करना पड़ेगा। सरकार तो लोगोंको इस अन्तिम घोषणा के लिए तैयार कर रही है कि कांग्रेस और खिलाफत समितियाँ गैर-कानूनी संस्थाएँ हैं। यह घोषणा हो जानेपर जो भी शख्स इन संस्थाओंसे सम्बन्ध रखते हैं वे सब गिरफ्तारी के पात्र हो जायेंगे। और ऐसी घोषणा कोई अजीब बात नहीं होगी। यदि कांग्रेसको अपना शान्तिपूर्ण कार्य जारी रखने दिया गया, तो वह निश्चय ही सरकारकी जड़ें उखाड़ फेंकेगी यह एक ऐसी परिस्थिति है जिसे सरकार सहज मनसे स्वीकार नहीं कर सकती। कांग्रेस यदि जीवित रहनेके लायक है, तो उसे अपने मार्गसे इंच भर भी न हटना होगा और यदि वह इस कठिन कसोटीपर खरी उतरी तो इसका कारण सरकारकी कृपा नहीं, बल्कि जनतापर स्वयं उसके अद्वितीय प्रभावका बल होगा। इस दृष्टिसे विचार करें तो सरकारकी इस चुनौती के बाद कांग्रेसका जीवित रह जाना ही स्वराज्य है।

भाग लेना भी जुर्म

लाहौर पब्लिसिटी बोर्डके एक तारमें कहा गया है कि कांग्रेसके लिए चुने गये प्रतिनिधियोंको हजारा जिलेके डिप्टी कमिश्नरने यह चेतावनी दी है कि "यदि उन्होंने कांग्रेसमें भाग लिया तो सीमान्त अपराध विनियमकी धारा ३६ के अधीन उन्हें जिलेसे निकाल बाहर किया जा सकता है।" मुझे उम्मीद है हजाराके कांग्रेसी प्रतिनिधि इस

  1. ई॰ वी॰ रामस्वामी नायकर, एक कांग्रेसी जिन्होंने बादमें कांग्रेस छोड़ दी और 'द्रविड़ मुनेत्र कषगम' की स्थापना की।
  2. मद्रासके गवर्नर, १९१९-२४; वाइसराय, १९३१-३६।
  3. संयुक्त-प्रान्तके गवर्नर।