पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/५८३

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- ५६० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय सरायने अली भाइयोके नाम लिये, और कहा कि मै आपको इन भाइयोके भाषणोमे से निकालकर वे वाक्य दिखाऊंगा जिनसे मेरे विचारमे हिंसाको प्रोत्साहन मिलता है। और जब वे वाक्य श्री गांधीको पढ़कर सुनाये गये तब उन्होंने स्वीकार किया कि सचमुच इनसे तो वही अर्य निकल सकता है जो वाइसराय महोदयने निकाला है। परन्तु उन्होने (श्री गाधीने) कहा कि मुझे विश्वास है कि श्री शौकत अली और श्री मुहम्मद अलीका इरादा श्रोताओको हिंसाकी ओर प्रवृत्त करनेका कदापि न था। श्री गाधीने कहा कि मै शिमलासे लौटते हो उनसे मिलूंगा और उन्हे सलाह दूंगा कि वे अपने भाषणोमे कहे गये हिंसाको प्रोत्साहन देनेवाले शब्दोके लिए - यद्यपि उनका इरादा ऐसा न था - सार्वजनिक रूपसे खेद प्रकट करें। वाइसरायने इसपर श्री गाधीसे पूछा कि आप श्री शौकत अली और श्री मुहम्मद अलीको जैसा वक्तव्य प्रकाशित करनेकी सलाह देनेका विचार कर रहे है, उसके महत्त्वको देखते हुए क्या आप मुझे उसका मसविदा दिखायेंगे? इस जगह वाइसराय महोदयने श्री गाधीसे कहा कि उन वाक्योके कारण सर- कार श्री शौकत अली तथा श्री मुहम्मद अलीपर मुकदमा चलानेका विचार कर रही है। उन्होने श्री गाधीसे कहा कि अगर आप मुझे उस वक्तव्यको दिखा देगे और अगर अपनी सरकारके दृष्टिकोणसे मै उसे सन्तोषजनक पाऊँगा तो मै अली भाइयो- पर मुकदमा न चलानेके लिए अपना जोर लगाऊँगा क्योकि अगर भविष्यमे हिंसात्मक कृत्योको प्रोत्साहन देनेवाले भाषण देना बन्द कर दिया जायेगा तो सरकारका मतलब हल हो जायेगा। श्री गाधीने वक्तव्यको दिखाना खुशीसे स्वीकार कर लिया। वादेके अनुसार वक्तव्यका मसविदा वाइसरायके सामने प्रस्तुत किया गया। परमश्रेष्ठने [उसे पढ़कर] उनसे कहा कि इस वक्तव्यमे कुछ अनुच्छेद ऐसे डाल दिये गये है जिनसे यह वक्तव्य विज्ञप्तिका रूप ले लेता है, जिसमे श्री शौकत अली और श्री मुहम्मद अलीके धार्मिक सिद्धान्तोंका समावेश भी है। वाइसराय महोदयने कहा कि यह वक्तव्य इस हदतक अपूर्ण है कि इसमें भविष्यके लिए हिंसाको प्रोत्साहन देनेवाले भाषण न देनेका माश्वासन नहीं है। वाइसराय महोदयने यह भी कहा कि वक्तव्यके प्रकाशित हो जानेके पश्चात् श्री शौकत अली और श्री मुहम्मद अली इस बातका ध्यान रखते हुए कि वै कानूनका उल्लघन न करे, अपने भाषणो द्वारा जैसी चाहे वैसी सफाई पेश कर सकते है। जिन वाक्योके सम्बन्धमे आपत्ति उठाई गई थी श्री गांधी उनको हटा देनेको तथा भविष्यमै ऐसे भाषण न देनेके आश्वासनका अनुच्छेद जोड देनेको राजी हो गये। तदनन्तर वाइसरायने श्री गाधीको सूचित किया कि यदि श्री शौकत अली और श्री मुहम्मद अली श्री गांधी द्वारा सशोषित वक्तव्यपर हस्ताक्षर कर देगे और भविष्यमै इस प्रकारके भाषण न देनेका वचन भी दे देगे, तो उनपर मुकदमा न चलानेके लिए जरूरी कदम उठाया जायेगा, और जबतक उस वक्तव्यमे दिये गये वचनोका पालन होता रहेगा तबतक उनपर मुकदमा न चलाया जायेगा। परन्तु पिछले भाषणोके सम्बन्धमे उनपर मुकदमा चलानेके बारेमे सरकार मुक्त होगी। वाइसरायने यह भी लिखा कि यदि श्री शौकत अली तथा श्री मुहम्मद अलीका वक्तव्य प्रकाशित हो गया और उसके परिणामस्वरूप सरकारने उनपर मुकदमा न चलाया तो इस आशय-