पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३९२

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३६० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय कपड़ा पहनना चाहिए। कालबादेवीके स्वदेशी भण्डारमें १०,००० रुपयेकी खादी है और वह बिकाऊ है। मैंने आज भाई नारणदास पुरुषोत्तमदासके साथ विचार-विमर्श किया है और थोड़े ही दिनोंमें ५०,००० रुपयेकी खादी आ जायेगी। खादीका उपयोग आवश्यकतासे अधिक न करें। देश अभी इतना माल तैयार नहीं कर सकता जो सब तक पहुँच सके। खादीका उपयोग घी और सोनेकी तरह होना चाहिए। जबतक स्वराज्य नहीं मिल जाता तबतक हमें ठाठ-बाटसे नहीं रहना चाहिए। पुरुषोंके पास दो कुर्ते और धोती होनी चाहिए। स्त्रियोंको भी कम कपड़ोंमें गुजारा करना चाहिए। एक भाईने सुझाव दिया है कि हमें फाँसीपर भी चढ़नेके लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन आपको फाँसीपर नहीं चढ़ना है। अगर सारा भारत फाँसीपर चढ़ने के लिए तैयार हो जाये तो आज ही स्वराज्य है। लेकिन जब ऐसा समय आयेगा तब मुझे आपको विदेशी कपड़ेका बहिष्कार करने के लिए कहनेकी जरूरत ही न रह जायेगी। फिलहाल तो हममें ताकत ही नहीं रही है। कितनी ही बहनें यह कहती हैं कि जापानकी साड़ी और फ्रांसकी मखमल मुझे सौंपकर खादी पह- नना मुश्किल लगता है। लेकिन हममें सच्ची सामर्थ्य आई है या नहीं-- इस बातका पता लगानेकी यह कुंजी है। कितने ही लोगोंका कहना है कि आपने मेरी खातिर ही पैसा दिया है, लोगोंने सच्चा त्याग नहीं किया है। इसे भी आप विदेशी कपड़ेका त्याग कर झूठा साबित कर सकेंगे। [गुजरातीसे] गुजराती, १७-७-१९२१ १७१. तार : सी० विजयराघवाचार्यको जा [१० जुलाई, १९२१ या उसके पश्चात् ] बम्बईमें अट्ठाईसको बैठककी सूचना भेजी रही है। गांधी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ७५६८) की फोटो-नकलसे । १. सी० विजयराघवाचार्यने १० जुलाईको कोडाइकनालसे तार दिया था: “धारवाड़ प्रार्थना करता . है, केलकर समर्थन करते हैं, तुरन्त तार दें बम्बई या धारवाड़ तारीख आवश्यक । Gandhi Heritage Portal