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टिप्पणियाँ : दक्षिण अफ्रीकावासी ब्रिटिश भारतयोंकी कष्ट-गाथा

उपर्युक्त पहले विधेयककी विवेचना करते हुए लन्दन 'टाइम्स' ने मताधिकारके प्रश्नको इस रूपमें पेश किया है :

इस समय श्री चेम्बरलेनके सामने जो प्रश्न है वह सैद्धान्तिक नहीं है। वह प्रश्न दलीलोंका नहीं, जातीय भावनाओंका है।. . .हम अपनी ही प्रजाओंके बीच जाति-युद्ध होने देकर लाभ नहीं उठा सकते। भारत-सरकारके लिए नेटालको मजदूर भेजना बन्द करके उसकी प्रगतिको एकाएक रोक देना उतना ही गलत होगा, जितना कि नेटालके लिए बिटिश भारतीय प्रजाजनोंको नागरिक अधिकार देनसे इनकार करना। ब्रिटिश भारतीयोंने तो वर्षोंकी कमखर्ची और अच्छे कामसे अपने-आपको नागरिकोंके वास्तविक दर्जेतक उठा ही लिया है। (लंदन 'टाइम्स', २७ जून, १८९६)।

इस लेख में उपनिवेशियोंकी उन विविध दलीलोंकी विवेचना की गई है, जो उन्होंने भारतीयोंका मताधिकार छीनने के समर्थनमें पेश की है। इसमें यह भी बताया गया है कि यूरोपीय मतदाताओंके दबा दिये जानेका सवाल ही नहीं है, क्योंकि ताजीसे-ताजी मतदाता-सूचीके अनुसार १०,००० मतदाताओंमें से भारतीय मतदाताओंकी संख्या केवल २५१ है। और उपनिवेशमें ऐसे भारतीय बहुत ही कम हैं, जिनके पास मतदाता बनने के लिए आवश्यक सम्पत्ति हो (देखिए सहपत्र ५)।[१] वर्तमान विधेयकका हेतु भारतीय समाजको सताना और उसे अनन्त मुकदमेबाजीमें फंसा देना मात्र है। (सहपत्र २)

दूसरी शिकायत : भारतीय प्रवास

सन १८९३ में नेटाल-सरकारकी ओरसे एक आयोग भारत भेजा गया था। उसके सदस्य नेटाल-विधानसभाके सदस्य श्री बिन्स और नेटालके वर्तमान भारतीय प्रवासी-संरक्षक श्री मेसन थे। उस आयोगका मंशा भारत-सरकारको राजी करना था कि भारतीय मजदूर जो इकरारनामा लिखते थे—जिसका जिक्र ऊपर किया जा चुका है—उसकी शतोंमें निम्नलिखित परिवर्तन कर दिया जायें :

(१) गिरमिटकी अवधि पाँच वर्षसे बढ़ाकर अनिश्चित कालतक की कर दी जाये और जैसे-जैसे वह बढ़े, उसके अनुसार मजदूरीको भी २० शिलिंग मासिकतक बढ़ा दिया जाये।

(२) अगर भारतीय अपने पाँच वर्षके पहले गिरमिटके खत्म होनेपर, आगेके लिए भी इस तरहका इकरार करने से इनकार करें तो उन्हें उपनिवेशके खर्चपर भारत लौटने के लिए बाध्य किया जाये।

वर्तमान वाइसरायने नेटालके गवर्नरके नाम अपने खरीतेमें कहा है कि नेटालके उपनिवेशी ऐसी कार्रवाईकी इच्छा करें, इसपर यद्यपि उन्हें व्यक्तिगत रूपसे अफसोस

  1. इस सहपत्र में वाइसराय का खरीता शामिल था, जिसका उल्लेख आगे किया गया है।